मध्य प्रदेश। एक ओर जहां देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है तो वहीं दूसरी ओर कोरोना को हराने के लिए देश में कोरोना वारियर्स ढाल बनकर सामने खड़े नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वारियर की कई तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने वाले कोरोना वारियर्स में एक तरफ चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी हैं तो दूसरी तरफ देशभर में लागू लॉकडाउन को मुस्तैदी से पालन कराकर लोगों को संक्रमण से बचाने वाले कोरोना वारियर्स पुलिस के जवान मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक पुलिस कर्मी के घर के आंगन में खाना खाते हुए उसकी बेटी के साथ तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है।
ऐसे ही एक पुलिसकर्मी है इंदौर के तुकोगंज थाने के टीआई निर्मल श्रीवास उनका घर थाने के पास ही है लेकिन लगातार 12 से 16 घंटों की नौकरी के बीच में घटना जाकर होटल में ही रुकते हैं। पिछले 5 दिनों से वे ऐसा ही कर रहे हैं। जब भी मौका मिलता है घर जाते हैं, खाना खाते हैं और उनकी छोटी बच्ची इंतजार करती है पापा आ रहे हैं लेकिन उससे मिल नहीं रहे हैं। श्रीवास जब घर जाते हैं तो घर के आंगन में दूर बैठकर भोजन करते हैं ताकि परिवार को किसी तरीके की दिक्कत ना हो। यह मार्मिक तस्वीर बताती है कि देश के लिए जनता के लिए फर्ज निभाने वाले यह कोरोना वारियर कैसे पूरी मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं और अपने परिवार से दूर रहने का कष्ट भी झेल रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर निर्मल श्रीवास के इस कदम की सराहना की और लिखा 'एक पिता होने का फ़र्ज़ और देश के बेटे होने का कर्ज़... इंदौर के निर्मल जी आप को और आप जैसे लाखों भारत माँ के बेटे-बेटियों को सलाम...'
वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट करते हुए ऐसे तमाम कोरोना वारियर्स को याद किया, जो लगातार परिजनों को संक्रमण से बचाने के लिए उनसे दूर रहकर रात दिन फील्ड में जनता की सुरक्षा के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने लिखा 'कोरोना महामारी के इस दौर में कई डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ़,अधिकारी-कर्मचारी गण ,पुलिस कर्मी अपने परिजनो को संक्रमण से बचाने के लिये उनसे दूर रहकर रात-दिन फ़ील्ड में रहकर जनता की सुरक्षा के लिये अपनी अमूल्य सेवाएँ दे रहे है। इन कर्मयोद्धाओ की सेवाओं को सदैव याद रखा जायेगा।'
बहरहाल, कोरोना वायरस से जनता बचाव की मुहिम के बीच निर्मल श्रीवास और उनके परिवार के बीच के इस फासले को उन लोगों को भी समझना बेहद जरूरी है जो इस वक्त लॉकडाउन को हल्के में लेकर सड़क पर घूमकर अपने और अपने परिवार की जान जोखिम में डालने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।