Friday, November 22, 2024
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Munger Rescue Operation: SDRF का वो जांबाज़ अधिकारी जिसने सना को सुरक्षित बाहर निकाला

इस पूरे ऑपरेशन में सैंकड़ों राहत कर्मी मौजूद थे लेकिन एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने सना तक पहुंच कर उसे सुरक्षित बाहर निकाला। वो थे SDRF के जांबाज़ अधिकारी मुरारी प्रसाद चौरसिया। मुरारी प्रसाद चौरसिया की ही आखें थीं जो गहरे बोरवेल के गड्ढे के अंदर सना को सबसे पहले देखा था

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 02, 2018 8:00 IST
Munger Rescue Operation:  SDRF का वो जांबाज़ अधिकारी जिसने सना को सुरक्षित बाहर निकाला- India TV Hindi
Munger Rescue Operation:  SDRF का वो जांबाज़ अधिकारी जिसने सना को सुरक्षित बाहर निकाला

नई दिल्ली: उम्र सिर्फ तीन साल लेकिन हौसला ऐसा कि 31 घंटे तक चली जिंदगी और मौत की जंग में उसने मौत को मात दे दी। बिहार के मुंगेर में सौ फीट गहरे बोरवेल में 45 फीट नीचे फंसी सना को कल रात सुरक्षित निकाल लिया गया। 31 घंटे तक रेस्क्यू टीम ने जो मेहनत की, उस मेहनत को अपने हौंसले से सना ने कामयाब कर दिया। जब तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा तब तक परिवार के साथ-साथ पूरा देश टकटकी लगाए इंतजार करता रहा कि कब अंधेरे गड्ढे से निकलेगी मासूम सना।

इस पूरे ऑपरेशन में सैंकड़ों राहत कर्मी मौजूद थे लेकिन एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने सना तक पहुंच कर उसे सुरक्षित बाहर निकाला। वो थे SDRF के जांबाज़ अधिकारी मुरारी प्रसाद चौरसिया। मुरारी प्रसाद चौरसिया की ही आखें थीं जो गहरे बोरवेल के गड्ढे के अंदर सना को सबसे पहले देखा था और मुरारी प्रसाद चौरसिया के शब्दों ने ही नन्हीं सना को अंधेरे में हौसले का उजाला दिया। हजारों उम्मीद भरी आंखों को सुकून देने वाली तस्वीरों के अघोषित नायक बने मुरारी प्रसाद चौरसिया।

वो एंबुलेंस में डॉक्टर की टीम के साथ मौजूद थे और वो पहले शख्स थे जिनके हाथों से सना ने गड्ढे से निकलने के बाद पहली बार पानी पीया। सौ फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिरी सना करीब तीस फीट की गहराई में जाकर फंस गई थी लेकिन चिकनी मिट्टी होने की वजह से छोटी सी बच्ची धीरे धीरे नीचे की तरफ फिसल रही थी। इंडिया टीवी से खास बातचीत में सना को बचाने वाले SDRF टीम के अधिकारी मुरारी प्रसाद चौरसिया ने उन तमाम चुनौतियों के बारे में बताया जो सना तक पहुंचने के दौरान सामने आ रही थीं लेकिन बचाव दल ने तमाम चुनौतियों का सामना कर सना की जिंदगी दोबारा उसे लौटा दी।

SDRF की टीम के इस सदस्य ने संकरे गड्ढे में उतरकर एक मासूम की जिंदगी बचाने का जो जांबाज़ कारनामा किया है यकीन मानिये ये काम किसी की भी जान के लिए खतरनाक साबित हो सकता था लेकिन बावजूद इसके मुरारी प्रसाद तीन साल की सना की बहादुरी की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

सना को नई जिंदगी देने वाले मुरारी प्रसाद और उनकी टीम बिहार के उन तमाम हिस्सों में जाते हैं जहां किसी की जिंदगी को मदद की दरकार होती है। सना की जान बचाने से महज़ अड़तालीस घंटे पहले ही मुरारी प्रसाद ने जान जोखिम में डालकर एक और मासूम की जान बचाई थी और फिर अड़तालीस घंटे बाद इकतीस घंटे की जद्दोजहद कर मुरारी प्रसाद ने सना को भी मौत के मुंह से उबार लिया।

सना के बोरवेल में गिरने की खबर मिलने से लेकर सना को डॉक्टर्स के हवाले करने तक मुरारी प्रसाद मसीहा की तरह मौके पर डटे रहे। खबरों के मुताबिक सना की तबीयत अब ठीक है। डॉक्टर सना की हर जांच में जुटे हैं लेकिन सना को बचाने वाले मुरारी प्रसाद चौरसिया और उनकी टीम को इंतज़ार है अपने अगले मिशन का जहां वो एक बार फिर मौत को मात देकर किसी की जिंदगी लौटा सकें।

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