नयी दिल्ली: भारत ने सोमवार को कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है और इस खतरे के खात्मे से क्षेत्र को अपनी वास्तविक क्षमताओं को मूर्त रूप देने में मदद मिलेगी। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद की ऑनलाइन बैठक को संबोधित को करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के बारे में उल्लेख किया और मिलकर इस खतरे का मुकाबला करने का आह्वान किया।
पाकिस्तान के एक स्पष्ट संदर्भ में नायडू ने कहा, ‘‘हम विशेष रूप से उन देशों के बारे में चिंतित हैं जो एक ‘राज्य नीति’ के साधन के रूप में आतंकवाद का फायदा उठाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में हमारे सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौती आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद है।’’ नायडू ने कहा कि आतंकवाद के खतरे का ‘‘खात्मा’’ करने से अपनी वास्तविक क्षमताओं को साकार करने में क्षेत्र को मदद मिलेगी।
भारत 2017 में इस प्रभावशाली समूह का पूर्ण सदस्य बना था और उसके बाद पहली बार बैठक की मेजबानी कर रहा है। पाकिस्तान के एक अन्य संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ में जानबूझकर द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास किये गए और उन्होंने इसे सिद्धांतों और मानदंड़ों का उल्लंघन बताया।
सितंबर के मध्य में, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एससीओ के सदस्य देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की डिजिटल बैठक से उस वक्त बाहर निकल गए थे, जब पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने एक मानचित्र पेश किया, जिसमें कश्मीर को गलत तरीके से चित्रित किया गया था। बैठक के मानदंडों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करने के लिए भारत ने पाकिस्तान की आलोचना की थी।