नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पीडब्ल्यूडी मंत्री और भाजपा नेता राजेश मूनत की फर्जी ‘‘सेक्स सीडी’’ एक पॉर्न क्लिप पर उनका चेहरा लगाकर पिछले वर्ष तैयार की गई थी। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया कि उनके तत्कालीन पार्टी सहयोगी कैलाश मुरारका के आदेश पर यह पॉर्न क्लिप तैयार की गई थी।
रायपुर की अदालत में सोमवार को पेश आरोपपत्र में एजेंसी ने दावा किया कि फोरेंसिक विश्लेषण से पता चलता है कि पॉर्न क्लिप में दिख रही यौन क्रीड़ा मूनत को बदनाम करने के उद्देश्य से फर्जी तरीके से बनाई गई। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि एजेंसी ने आरोप लगाया है कि मुरारका ने दो अन्य आरोपियों विनय पंड्या और रिंकू खनूजा को 75 लाख रुपये का भुगतान किया ताकि मुंबई में फर्जी वीडियो बनाया जा सके। मुरारका फिलहाल फरार है।
सीबीआई के आरोपपत्र में मामले का सरगना बताए जाने के बाद मुरारका को पार्टी ने निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि पंड्या और खनूजा ने काम कराने के लिए मुंबई में एक व्यक्ति की सेवा ली और उस व्यक्ति को करीब एक लाख रुपये का भुगतान किया।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि क्लिप पत्रकार विनोद वर्मा को गाजियाबाद में मुरारका ने उनके आवास पर सौंपी। आरोप है कि वर्मा और मुरारका छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख भूपेश बघेल और उनके सहयोगी से दिल्ली में एक होटल में मिले। एजेंसी ने दावा किया है कि पंड्या और मुरारका फरार हैं जबकि एक आरोपी रिंकू खनूजा ने जांच के दौरान आत्महत्या कर ली।
विशेष अदालत ने सोमवार को बघेल को मामले के सिलसिले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने बघेल, कैलाश मुरारका, विजय पंड्या, विनोद वर्मा, विजय भाटिया और रिंकू खनूजा (मृतक) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।