पटना: बिहार में कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों की संख्या में वद्घि देखी जा रही है। हालांकि अभी तक एक भी मामला पॉजिटिव नहीं पाया गया है। बिहार में अब तक 504 संदिग्धों की पहचान की गई है, इनमें से 16 संदिग्धों को आइसोलेशन से मुक्त भी कर दिया गया है। इन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन पर रखा गया था। इस बीच, नेपाल से सटे 49 स्थानों पर बिहार में आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि 15 जनवरी से शुक्रवार तक बिहार में कोरोना वारयरस से संक्रमित देशों से लौटे 504 यात्रियों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 116 यात्रियों ने 14 दिनों की सर्विलांस की अवधि पूरी कर ली है।
उन्होंने बताया कि पटना और गया हवाईअड्डों पर आने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है। अब तक इन दोनों हवाईअड्डों पर 20 हजार से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। अब तक 79 संदिग्ध लोगों से लिए गए नमूनों की जांच कराई गई है, लेकिन बिहार में एक भी मामला पॉजिटिव नहीं पाया गया है।
विभाग के मुताबिक, नेपाल से सटे बिहार के सात जिलों के 49 स्थानों पर नेपाल से आने वाले लोगों की निगरानी रखी जा रही है। अधिकारी के अनुसार, अब तक इन स्थानों पर ढाई (2.50) लाख से अधिक लोगों की जांच कराई गई है, लेकिन एक भी मामला सामने नहीं आया है।
इधर, सरकार कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियाती उपाय कर रही है। बिहार सरकार ने सभी जिलों में शॉपिंग माल, जिम, स्विमिंग पुल, सिनेमाघरों और स्पा सेंटर को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया है। शादी-विवाह के कार्यक्रमों को छोड़कर किसी भी स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर भी रोक लगा दी गई है।
गौरतलब है कि बिहार में सरकार ने स्कूल, कालेज, हॉस्टल, पार्क, चिड़ियाघर और म्यूजियम को 31 मार्च तक के लिए पूरी तरह से बंद किया जा चुका है। शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश जारी किया था। इसके बाद सभी सरकारी और प्राइवेट हस्टल 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया गया। इस बीच, राज्य के अधिक मंदिरों को भी बंद कर दिया गया है।