नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार का विजन कम खर्च पर देश के हर व्यक्ति को इलाज सुनिश्चित करना तथा बीमारी के कारणों को खत्म करना है और पिछले चार वर्षो में इसी दिशा में कदम उठाये गए हैं। एम्स और सफदरजंग अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं एवं योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘हम सिर्फ पत्थर जड़ने नहीं आए है बल्कि बदलाव के लिये आए हैं। हम जो कर सकते हैं, वहीं कहते हैं।’’ मोदी ने इस संदर्भ में संसद में पूर्व में रेल बजट में घोषित योजनाओं के संदर्भ में कहा कि 1500 घोषित परियोजनाओं का काम केवल कागजों पर सीमित था।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास है कि बड़े शहरों के आसपास स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ-साथ ऐसी ही सुविधाएं टीयर 2 और टीयर 3 शहरों तक पहुंचाया जाए। मौजूदा अस्पतालों को और सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। दूर-दराज वाले इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के एक के बाद एक नीतिगत पहल से हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं जहां देश के गरीब और मध्यम वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं के लिए भटकना न पड़े और अनावश्यक खर्च न करना पड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार 58 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज के तौर पर अपग्रेड कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के विजन के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय जुड़ा है, स्वच्छता और पेयजल मंत्रालय जुड़ा है, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय जुड़ा है। आयुष मंत्रालय से भी सहयोग मिल रहा है। मोदी ने कहा कि दिल्ली में एम्स पर बढ़ते दबाव को देखते हुए उसके सभी कैंपसों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। आज 300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाले नेशनल सेंटर फॉर एजिंग का शिलान्यास हुआ है। ये सेंटर 200 बिस्तरों वाला होगा।
उनहोंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में भी 1300 करोड़ खर्च करके अस्पताल को आधुनिक बनाने का काम हुआ है। यहां एक इमरजेंसी ब्लॉक और एक सुपर स्पेशिलियटी ब्लॉक की सेवाओं को देश को समर्पित किया गया है। मोदी ने कहा कि देश के लगभग हर जिले में डायलिसिस सेंटर बनाए जा रहे हैं। वहां गरीबों को निशुल्क डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। अब तक लगभग 2.5 लाख मरीज़ इसका लाभ उठा चुके हैं।