नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मॉनसून 29 जून से एक जुलाई के बीच किसी भी समय आ सकता है। फिलहाल लू जैसी परिस्थितियों से जूझ रही दिल्ली में अगले सप्ताह मॉनसून-पूर्व की गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद है, जिससे दिल्लीवासियों को राहत मिल सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और निजी मौसम अनुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, मॉनसून दिल्ली में जल्द ही अपने पूर्वनिर्धारित समय पर दस्तक देगा, वहीं दीर्घावधि औसत (एलपीए) में बारिश अभी स्पष्ट नहीं है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एम. मोहपात्रा ने आईएएनएस को बताया, "पश्चिमोत्तर मॉनसून के 29 जून से एक जुलाई के बीच आने की उम्मीद है। मॉनसून-पूर्व की बारिश 27 जून के आसपास हो सकती है।" (पहले से प्लान था मेजर की पत्नी शैलजा का मर्डर? जानें ब्यूटी क्वीन के कत्ल की इनसाइड स्टोरी )
वहीं स्काईमेट ने भी मॉनसून के 29 जून के बाद कभी भी आने की उम्मीद जताई है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में मॉनसून-पूर्व बारिश के 25 जून सोमवार से होने की उम्मीद है। मौसम विश्लेषकों ने कहा कि मॉनसून लगभग एक सप्ताह से मंद हो गया था। हालांकि रविवार से पुन: सक्रिय हो गया है और उत्तर की तरफ बढ़ने लगा है। स्काईमेट के निदेशक महेश पलवत ने आईएएनएस को बताया, "मॉनसून पुन: सक्रिय हो गया है और उत्तर की तरफ बढ़ रहा है। यह गुजरात के हिस्सों, मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग, विदर्भ, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न भागों में पहले ही आ चुका है।" उन्होंने कहा कि मॉनसून का उत्तर की तरफ बढ़ना एक अच्छा संकेत है, जिससे दिल्ली में मॉनसून अपने निर्धारित समय पर इस सप्ताह पहुंचेगा।
जून के पहले दो सप्ताहों तक मॉनसूनी बारिश 19 फीसदी अतिरिक्त हो चुकी थी, लेकिन 13 जून के बाद 19 जून तक इसमें चार फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि मॉनसून मंद होने के बावजूद पश्चिमी समुद्र तटों और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश जारी है। आईएमडी के अनुसार, भारत में पिछले साल से अच्छा मॉनसून रहने की उम्मीद है। पिछले साल जून से सितंबर तक 96 से 104 प्रतिशत की सामान्य बारिश होने की उम्मीद की गई थी। 2017 में देश में 97 फीसदी बारिश हुई थी, जो सामान्य मानी जाती है। इससे पहले आईएमडी ने भारत में 2018 में 97 फीसदी बारिश होने का अनुमान लगाया था, जिसमें चार फीसदी की कमी या बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई थी।
आईएमडी ने कहा कि क्षेत्रवार बारिश के अनुमान की बात करें तो पश्चिमोत्तर भारत में एलपीए का 100 फीसदी, मध्य भारत में 99 फीसदी, दक्षिणी प्रायद्वीप में 95 फीसदी और पूर्वोत्तर भारत में 93 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। आईएमडी के अनुसार, देशभर में संयुक्त रूप से बारिश के अनुमान की बात करें तो जुलाई में 101 फीसदी बारिश होने की संभावना है, जबकि अगस्त में 94 फीसदी बारिश देखने को मिलेगी।