नई दिल्ली: मानसून सत्र में विपक्षी दलों के लगातार हंगामे के चलते राज्यसभा के 50 में से 40 घंटे बेकार हो गए और केवल 10 घंटे ही काम हो सका। राज्यसभा की कार्यवाही पहले दो सप्ताहों में तय समय का सिर्फ करीब 21.60 प्रतिशत ही चल सकी और दूसरे सप्ताह में यह आंकड़ा 13.70 प्रतिशत का रहा।
अधिकारियों ने बताया कि कुल 50 कार्य घंटों में से 39 घंटे 52 मिनट हंगामे की भेंट चढ़ गए। पहले दो सप्ताहों में नौ बैठकों के दौरान उच्च सदन में केवल एक घंटे 38 मिनट का प्रश्नकाल ही हो सका। चार विधेयकों को पारित करने के लिए केवल एक घंटे 24 मिनट का विधायी कार्य हो सका।
हंगामे के चलते सदन में केवल एक मिनट का शून्यकाल हुआ और चार मिनट का विशेष उल्लेख। राज्यसभा सचिवालय ने दैनिक बुलेटिन में सदन में काम न होने से संबंधित जानकारी देने की पहली बार शुरुआत की है।