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मानसून सत्र: सरकार करेगी 23 विधेयक पास कराने की कोशिश, महंगाई पर घेरेगा विपक्ष

संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा। आमतौर पर जुलाई में शुरू होने वाला मानसून सत्र वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष सितंबर में आरंभ हुआ था। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 13, 2021 9:59 IST
Monsoon session Government will try to get 23 bills passed, opposition will attack inflation petrol - India TV Hindi
Image Source : PTI मानसून सत्र: सरकार करेगी 23 विधेयक पास कराने की कोशिश, महंगाई पर घेरेगा विपक्ष

नई दिल्ली. सरकार की तरफ से आगामी मानसून सत्र में कुल 23 विधेयक पास कराने की कोशिश की जाएगी, जिनमें से 17 विधेयक नए हैं। हालांकि इस दौरान जब सरकार की राहें आसान नहीं होंगी क्योंकि विपक्षी दल पेट्रोल-डीजल के दाम और महंगाई पर सरकार को घरने की पूरी कोशिश करेगा। आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा। आमतौर पर जुलाई में शुरू होने वाला मानसून सत्र वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष सितंबर में आरंभ हुआ था। 

मल्लिकार्जुन खड़गे बोले संसद सत्र में हावी रहेगी महंगाई

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ईंधन कर के रूप में 25 लाख करोड़ रुपये एकत्र कर चुकी है लेकिन इस कोष का इस्तेमाल न तो लोगों के कल्याण के लिये हो रहा है और न ही राज्य सरकारों को दिया जा रहा है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये यहां कहा कि पिछले सात साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने आम लोगों का जीवन दुश्कर बना दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, "ईंधन, एलपीजी, और खाद्य तेलों की कीमतें सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। केंद्र सरकार ने ईंधन पर 25 लाख करोड़ रुपये कर के रूप में वसूल किया है लेकिन न तो इस कोष को लोगों के कल्याण के लिये खर्च किया जा रहा है और न ही राज्य सरकारों को दिया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन की कीमतों में "326 बार बढोत्तरी की है जिसमें से पिछले दो महीनों में 38 बार ये बढायी गयी हैं।" कांग्रेस नेता ने कहा, "संप्रग शासन के दौरान ईंधन पर केंद्रीय कर 9.48 रुपया प्रति लीटर था जो अब बढ़ कर 32.90 रुपया हो गया है। संप्रग के शासनकाल के दौरान कच्चे तेल की कीमत 111 डॉलर प्रति बैरल थी और तब देश में पेट्रोल की कीमत 71 रुपये प्रति लीटर थी। अब कच्चे तेल की कीमत 44 डॉलर प्रति बैरल है तो पेट्रोल की कीमत 107 रुपये प्रति लीटर है।"

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