नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर की ओर बढ़ने के साथ ही दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) आखिरकार पांच दिन की देरी के बाद मंगलवार को पूरे देश में छा गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी। आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में आठ जुलाई को पहुंच जाता है। पहले, पूरे देश में मानसून (Monsoon) आने की सामान्य तारीख 15 जुलाई थी। पिछले वर्ष मौसम विभाग (IMD) ने कई इलाकों में मॉनसून आने की तारीख में संशोधन किया था। इस बार मानसून दिल्ली में सबसे अंत में आया है।
सोमवार को मानसून दिल्ली को तरसता छोड़कर अपने आखिरी पड़ाव राजस्थान के जैसलमेर (Jaisalmer) और गंगानगर (Ganganagar) जिलों तक पहुंच गया था। राजस्थान के ही रेगिस्तानी जिले बाड़मेर (Barmer) में मॉनसून सामान्य तारीख से करीब दो हफ्ते पहले ही पहुंच गया था। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अनेक हिस्सों में बारिश हुई जिसके बाद मौसम विभाग ने मानसून के दिल्ली आगमन की घोषणा कर दी।
आईएमडी ने कहा, ‘‘पिछले चार दिन से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली पुरवाई हवाओं के चलने से बादलों का दायरा बढ़ गया और कई स्थानों पर बारिश हुई। दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ गया है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाकी स्थानों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत देश के बाकी बचे हिस्सों में दस्तक दे चुका है।’’
आमतौर पर मानसून केरल में एक जून को पहुंच जाता है, लेकिन इस बार यह दो दिन की देरी से, तीन जून को वहां पहुंचा था। पंद्रह जून तक मानसून बड़ी तेजी से मध्य, पश्चिम, पूर्व, उत्तरपूर्व और दक्षिण भारत में छा गया। उत्तर भारत के भी कई हिस्सों में मॉनसून पहुंच गया। हालांकि, पछुआ हवाओं और किसी भी प्रणाली के अभाव जैसी मानसून के लिहाज से प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण मानसूनी हवाएं पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब की ओर नहीं बढ़ पाईं।
मौसम विभाग ने 13 जून के पूर्वानुमान में कहा था कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में मानसून 15 जून तक पहुंच जाएगा। पांच जुलाई को विभाग ने कहा कि मानसून दस जुलाई तक दिल्ली आ जाएगा, लेकिन इस बार भी उसका अनुमान गलत ही साबित हुआ। कई पूर्वानुमानों के बाद आईएमडी ने सोमवार को माना, ‘‘मानसून के अनुमान में गणितीय मॉडल की इस तरह की नाकामी दुर्लभ और असामान्य है।’’
आईएमडी ने इससे पहले कहा था कि मानसून तय तिथि से 12 दिन पहले 15 जून को दिल्ली पहुंचेगा लेकिन हवाओं की स्थिति से इसका आगमन प्रभावित हुआ। पिछले वर्ष केरल में मानसून चार दिन की देरी से, पांच जून को पहुंचा था और 26 जून को पूरे देश में छा गया था।