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Monsoon Update: भारतीय तट से टकराया मानसून, केरल के इन इलाकों में हो रही है जोरदार बारिश

गर्मी से तप रहे भारत के लिए मानसून का इंतजार आज खत्म हो गया है। शनिवार को मानसून केरल के तट से टकरा गया। जिसके बाद से राज्य के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 08, 2019 15:01 IST
Monsoon- India TV Hindi
Monsoon

गर्मी से तप रहे भारत के लिए मानसून का इंतजार आज खत्‍म हो गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मौसम विभाग के हवाले से बताया कि शनिवार को मानसून केरल के तट से टकरा गया। जिसके बाद से राज्‍य के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अप्रैल में जारी अपने पहले अनुमान में इस साल सामान्‍य मानसून की भविष्‍यवाणी की थी दक्षिण पश्चिम मानसून ही उत्तर और मध्य भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में लगभग चार महीने तक चलने वाली बारिश की ऋतु का वाहक माना जाता है। 

मौसम विभाग के नवनियुक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने मानसून के पूर्वानुमान के मुताबिक आठ जून को केरल तट पर पहुंचने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि केरल के तटीय इलाकों में अच्छी मात्रा में मानसून की पहली बारिश दर्ज की गयी। विभाग ने पिछले महीने दक्षिण पश्चिमी मानसून के केरल तट पर छह जून को पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था लेकिन हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में देरी के कारण मानसून की आमद में दो दिन का विलंब हो गया। 

देश में मानसून के दस्तक देने की खबर, भीषण गर्मी, कृषि संकट और जलाशयों के तेजी से गिरते जलस्तर की चिंता से राहत देने वाली साबित होगी। गौरतलब है कि उत्तर एवं मध्य भारत में भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है। इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है जिसकी वजह से महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जलसंकट की समस्या गहरा जाती है। इसके अलावा देश का अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र कृषि एवं सिचाई जरूरतों के लिये दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान चार महीने तक होने वाली बारिश पर ही निर्भर रहता है। देश में कुल वर्षाजल का 75 प्रतिशत हिस्सा दक्षिण पश्चिमी मानसून से मिलने के कारण इसमें होने वाली बारिश की प्रचुरता का सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। 

केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही, भीषण गर्मी से झुलस रहे उत्तरी और मध्य भारत के मैदानी क्षेत्रों तथा दक्षिणी राज्यों में तापमान में गिरावट आने की भी उम्मीद जगी है। मैदानी इलाकों में इन दिनों अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। वहीं, राजस्थान के चुरू और आसपास के इलाकों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस का स्तर पार कर गया है। मौसम विभाग ने उत्तरी क्षेत्रों में जून के अंतिम और जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुचंने की संभावना व्यक्त की है।

मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में पूर्वानुमान से तकरीबन दो- तीन दिन की देरी से मानसून 29 जून को पहुंच सकता है। हालांकि निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट ने इसमें एक सप्ताह तक की देरी का अनुमान व्यक्त किया है। मौसम विभाग ने दिल्ली और उत्तर पश्चिमी इलाकों सहित लगभग पूरे देश में मानसून की सामान्य बारिश होने की संभावना जतायी है। 

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