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अब किराये का घर हो जाएगा अपना, बन जाएंगे मकान मालिक!

क्या आप किराए के घर में रहते हैं? यदि हां तो आपके लिये एक खुशखबरी है। मोदी सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है जिसके तहत शहरों में आने वाले प्रवासी लोगों को सरकारी संस्थाओं से मकान किराए पर लेने की सुविधा होगी।

India TV News Desk
Updated on: May 12, 2017 9:09 IST
House Rent- India TV Hindi
House Rent

नई दिल्ली: क्या आप किराए के घर में रहते हैं? यदि हां तो आपके लिये एक खुशखबरी है। मोदी सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है जिसके तहत शहरों में आने वाले प्रवासी लोगों को सरकारी संस्थाओं से मकान किराए पर लेने की सुविधा होगी। इतना ही नहीं, भविष्य में उनके पास इस किराए के मकान को ही आसान किस्तों में पूरी कीमत चुकाकर खरीदने का भी विकल्प होगा। (ये हैं भारत की महिला राजनेता जो अपने ग्लैमरस लुक के लिये भी हैं )

मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन पोवर्टी एविएशन के मुताबिक, इस स्कीम का नाम 'रेंट टु ओन' होगा, जिसे केंद्र सरकार की नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के तहत लांच किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि इस विधेयक को मंजूरी के लिए जल्दी ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

इस स्कीम के तहत शुरुआत में कुछ निश्चित वर्षों के लिए घर लीज पर दिया जाएगा। खरीददार को प्रति माह ई.एम.आई. के बराबर किराया बैंक में जमा करना होगा। इसमें कुछ किराए के तौर पर होगा और बाकी जमा होगा। खरीददार की ओर से जमा की गई ई.एम.आई. की राशि जब 10 फीसदी के स्तर पर पहुंच जाएगी तब मकान उसके नाम पर रजिस्ट्रर हो जाएगा। यदि लीज पर लेने वाला व्यक्ति रकम जमा नहीं कर पाता है तो सरकार इस मकान को दोबारा बेच देगी। इसके अलावा किराए के साथ जमा की जाने वाली राशि किराएदार को बिना ब्याज के वापस लौटा दी जाएगी।

इसके अलावा सरकार निजी जमीन पर बने मकानों को खरीदने पर भी गरीब तबके के लोगों को डेढ़ लाख रुपए की सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। अब तक यह छूट राज्य सरकारों एवं निकायों की जमीन पर बने घरों पर ही दी जाती थी। वेंकैया नायडू ने कहा कि प्राइवेट डेवलपर्स की ओर से लांच किए गए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के उद्घाटन के बाद से ही मंत्रालय इस पर विचार कर रहा था। उन्होंने कहा कि अब तक हम 2008 शहरों और कस्बों में 17.73 लाख शहरी गरीबों के लिए आवासों को मंजूरी दे चुके हैं।

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