नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राज्य में भारी संख्या में की गई सुरक्षाबलों की तैनाती ने आशंकाओं और तनावों को जन्म दिया है। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने आतंरिक सुरक्षा और जम्मू एवं कश्मीर के हालातों पर चर्चा की, जहां आतंकवादी हमलों की आशंका के बाद अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी पयर्टक और तीर्थयात्री यथासंभव जल्द से जल्द राज्य छोड़ दें। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा पर हमला किए जाने की योजना की सूचना मिलने और इन आतंकी हमलों से निपटने की तैयारी के बारे में शाह ने बैठक में चर्चा की।
अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हुई थी। इसका समापन 15 अगस्त को होना था, लेकिन इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया है। एक सूत्र ने बताया कि गृहमंत्री शाह जम्मू एवं कश्मीर की यात्रा की कथित तौर पर योजना बना रहे है। गृहमंत्री को सीमा के हालात से अवगत कराया गया है, जहां भारतीय बलों ने 31 जुलाई और एक अगसत की दरम्यानी रात उस समय कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया, जब उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश की थी।
गृहमंत्री की बैठक और अमरनाथ यात्रा को शुक्रवार को अचानक समाप्त करना और सुरक्षा बलों की तैनाती से जम्मू एवं कश्मीर में मोदी सरकार के अगले कदम के बारे में एक और दौर की कयासबाजी शुरू हो गई है। राज्य के निवासियों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को पहले ही समाप्त करने से कश्मीर घाटी में अफरातफरी का माहौल है, और लोग बुरी परस्थितियों के लिए आवश्यक वस्तुओं की तेजी से खरीददारी कर रहे हैं।