प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब गुरुवार को किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, तो दोनों विश्व नेताओं ने हमारे पीएम से आदर और सम्मान के साथ बातचीत की। मोदी ने पिछले महीने लोकसभा चुनावों के दौरान एक इंटरव्यू में मुझसे कहा था कि जब किसी देश के लोग प्रचंड बहुमत के साथ किसी नेता का चुनाव करते हैं, तो दुनिया उस नेता को श्रद्धा और सम्मान की भावना से देखती है। दुनिया हमेशा मजबूत सरकारों के नेताओं का सम्मान करती है। गुरुवार को बिश्केक में यह बात साफ पता चल रही थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी नई पारी की शुरुआत में दुनिया के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंधों पर जोर दिया है। वह हमेशा नए और अलग तरह के विचारों के साथ आते हैं। वह हमेशा नए-नए नारों की खोज करते हैं, और व्यक्तिगत संबंधों का ख्याल रखते हैं। इतना ही नहीं, दुनिया के नेताओं ने कई बार उनके नारों की नकल की है। 2014 में नारा था 'अब की बार, मोदी सरकार'। जब डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था, तब 'अब की बार, ट्रंप सरकार' का नारा लगाया गया था। तत्कालीन ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन ने संसदीय चुनावों के दौरान ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों के वोट अपनी तरफ खींचने के लिए इस नारे को दोहराया था।
हालिया लोकसभा चुनावों में नारा था 'मोदी है तो मुमकीन है'। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए इस नारे का उल्लेख किया। हालांकि इसमें एक विरोधाभास भी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मोदी के विचारों और देश के लिए उनकी योजनाओं को कॉपी करने की कोशिश की, लेकिन लागू करते समय उन्होंने कुछ ऐसा किया कि वह टीवी चैनलों पर मजाक बनकर रह गए। हालात अब कुछ इस तरह के हो गए हैं कि पाकिस्तान में सरकार ने समाचार चैनलों से कहा है कि वे अपने प्रधानमंत्री का मजाक न उड़ाएं।
मैं देख रहा हूं कि इमरान खान जबसे प्रधानमंत्री बने हैं तबसे वह मोदी के विचारों और उनकी योजनाओं की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर उनकी तुलना अक्सर मोदी से की जाती है। जहां तक प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक कौशल की बात है, इमरान खान मोदी की तुलना में कहीं नहीं ठहरते। मोदी ने सरकारी खर्चों में कटौती की और मंत्रियों एवं राजनेताओं के लिए लाल और नीली बत्ती पर प्रतिबंध लगा दिया। इमरान खान ने भी ऐसा ही किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद पूर्व पीएम नवाज शरीफ द्वारा इस्तेमाल की गई महंगी कारों की सार्वजनिक रूप से नीलामी की। यहां तक कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास की कई भैंसों को भी नीलाम कर दिया।
मोदी के स्वछता आंदोलन के नक्शेकदम पर चलते हुए इमरान खान ने भी सफाई करने के लिए झाड़ू उठा ली। मोदी ने भारतीयों से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने और तेल बचाने की अपील की। इमरान ने भी तेल बचाने का अलग आइडिया निकाला और लोगों से आने-जाने एवं सामान ढोने के लिए गधों का इस्तेमाल करने के लिए कहा। ये सारी बातें बताने के बाद मुझे विस्तार में जाने की जरूरत नहीं है कि पाकिस्तानी मीडिया क्यों अपने प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाता है और सरकार को क्यों उसपर लगाम लगानी पड़ी है। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 13 जून 2019 का पूरा एपिसोड