Saturday, November 02, 2024
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बिहार: रामजन्मभूमि फैसले के दौरान भी बना रहा अयोध्या का मिथिला कनेक्शन!

अयोध्या और मिथिलांचल का एक अटूट रिश्ता सदियों से रहा है, क्योंकि मिथिलांचल को भगवान राम का ससुराल माना जाता है। अब इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों स्थानों का कनेक्शन नौ नवंबर को अयोध्या विवाद पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के दौरान भी बना रहा।

Reported by: IANS
Published on: November 13, 2019 19:54 IST
Ayodhya- India TV Hindi
Ayodhya

मधुबनी (बिहार): अयोध्या और मिथिलांचल का एक अटूट रिश्ता सदियों से रहा है, क्योंकि मिथिलांचल को भगवान राम का ससुराल माना जाता है। अब इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों स्थानों का कनेक्शन नौ नवंबर को अयोध्या विवाद पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के दौरान भी बना रहा। मिथिला के बेटे अनुज झा ने अयोध्या के कलेक्टर के रूप में वहां शांति-व्यवस्था कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

फैसले को लेकर देश-दुनिया की नजर अयोध्या पर थी, और बिहार के मिथिलांचल के लोग भी टेलीविजन के माध्यम से अयोध्या में घट रही हर घटना पर नजर बनाए हुए थे, और शांति की प्रार्थना कर रहे थे। मिथिलांचल के मधुबनी जिले के झंझारपुर के एक गांव में रामजन्म भूमि के फैसले के बाद शांति को लेकर प्रार्थना की जा रही थी। फैसले के बाद अयोध्या में शांति और सुचारु व्यवस्था के लिए सबसे अधिक श्रेय अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को दिया जा रहा है।

बिहार के मधुबनी जिले के सिमरा पंचायत के मझौरा गांव के निवासी अनुज झा जहां अयोध्या में विधि-व्यवस्था दुरुस्त करने में लगे थे, वहीं उनके गांव में लोग शांति और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रार्थना कर रहे थे। अनुज झा के भाई धीरज झा बताते हैं, "उस दिन सुबह 10 बजते ही पूरा गांव या तो टेलीविजन के सामने था या फिर देवताओं की चौखट पर था। लोग सभी ईश्वर से मनौती (मन्नतें) मांग रहे थे।"

वह बताते हैं, "पैतृक आवास पर पिता बद्री झा और माता इंदु देवी भी पूजा घर में पूजा करते रहे। अयोध्या में शांति की खबर मिलने और राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने की खबर के बाद ही वे दोपहर के बाद पूजा घर से निकले। उन दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे।" धीरज कहते हैं, "किसे खुशी नहीं होगी। पूरा देश, शासन, प्रशासन किसी अंजान भय से सशंकित था और कहीं कुछ हुआ नहीं।"

अनुज के पिता को भी आशा है कि अब जल्द ही भव्य राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। वह कहते हैं कि यह हमारी ही नहीं पूरे देश की इच्छा थी। राम मंदिर निर्माण हो और शांति बनी रहे।

300 घरों वाले इस गांव में अनुज के पड़ोसियों की भी खुशी का ठिकाना नहीं है। अनुज के पड़ोसी भी अनुज की कारगुजारी पर गर्व कर रहे हैं। पड़ोसी अनिल कुमार झा कहते हैं, "अयोध्या का मिथलांचल से पुराना संबंध है। मिथिला की सीता अयोध्या की बहू थीं। आज इस मौके पर भी अयोध्या का रिश्ता मिथिलांचल से भगवान ने जोड़े रखा। अनुज प्रारंभ से ही सामाजिक और अपने दायित्वों का निर्वाह करने वाले थे, आज भी उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वाह किया। अब जल्द ही राम मंदिर का निर्माण होगा।" गांव के श्याम चंद्र साहू और मदन मोहन झा ने भी अनुज के कार्यो की प्रशंसा की।

अनुज कुमार झा 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। उनके बडे भाई पंकज झा शिक्षक हैं, वहीं दूसरे भाई नीरज झा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी है। तीसरे भाई धीरज झा की पत्नी अंजना देवी सिमरा पंचायत की मुखिया हैं, और चौथे भाई सूरज झा सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट हैं।

पिता हिंदुस्तान स्टील वर्क्‍स, बोकारो से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अनुज और सूरज साथ में ही पढ़ाई करते थे।

धीरज कहते हैं, "किसी भी अधिकारी के लिए ऐसी चुनौती सबसे बड़ी होती है और जब उस चुनौती को सफलतापूर्वक निभाया जाता है, तो गांव और समाज को भी खुशी होती है। बस अब इस गांव की ही नहीं, पूरे देश की इच्छा है कि जल्द भव्य राम मंदिर बने।"

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