नई दिल्ली। कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में कुछ लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का दुरुपयोग करते देखा गया। कुछ सोशल मीडिया यूजरों ने भारत में COVID-19 की स्थिति के बारे में भ्रामक और गलत जानकारियां फैलाने को लेकर तस्वीरें पोस्ट की जिससे देश में कोरोना को लेकर स्थिति बिगाड़ी जा सके। इसी संबंध में कोविड प्रोटोकॉल के बारे में गलत जानकारी फैलाने को लेकर गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को लगभग 100 पोस्ट और यूआरएल हटाने को कहा है। कोरोना से लड़ाई और सोशल मीडिया पर भ्रामक तस्वीरों के कारण देश में तनाव का माहौल न बने जिसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह निर्णय लिया गया है।
सरकार आलोचनाओं का स्वागत करती है
बता दें कि, जब पूरा देश कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए एक बहादुरी और ईमानदारी से प्रयास कर रहा है तो वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि समाज में दहशत का माहौल बनाया जा सके। सरकार आलोचनाओं का स्वागत करती है साथ ही कोरोना के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में मदद के लिए वास्तविक अनुरोधों का भी स्वागत करती है, लेकिन उन उपयोगकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना आवश्यक है जो अनैतिक उद्देश्यों के लिए इस गंभीर मानवीय संकट के दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।
शेयर की पुरानी और अनरिलेटेड फोटोदरअसल, कुछ लोगों ने कोरोना पर दुष्प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाया। सोशल मीडिया पर जिन यूजर को बंद कर दिया गया है उन्होंने लोगों से कोविड संबंधित प्रोटोकॉल जैसे मास्क न पहनने और मैंने कभी कोई रूल फॉलो नहीं किया आदि संदेशों के साथ लोगों के साथ गलत और भ्रामक जानकारी साझा की। कुछ सोशल मीडिया यूजरों ने पुरानी और अनरिलेटेड फोटो शेयर किया। जिसके बाद उनके भी खातों को ब्लॉक कर दिया गया। इन यूजरों ने रोगियों और शवों को जलाने की गलत तस्वीरें साझा की हैं, जिससे देश में कोरोना संकट की स्थिति को और बिगाड़ा जा सके। कुछ पोस्टों में धार्मिक भावनाओं को भड़काकर सांप्रदायिक घृणा पैदा करने की भी कोशिश की गई, जिन्हें ब्लॉक कर दिया गया है।