नयी दिल्ली: ईरान में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पर्यटन मंत्रालय इस साल फरवरी में वहां से आए 450 ईरानी सैलानियों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें पत्र लिखकर उन ईरानी सैलानियों का पता लगाने को कहा है जो परामर्श जारी होने से पहले देश में दाखिल हुए थे। उल्लेखनीय है कि ईरान तीसरा देश है जहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे अधिक मौतें हुई हैं। ईरान में 124 लोगों की इस वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है जबकि सबसे अधिक 3,042 मौतें चीन में हुई हैं। वहीं, इटली में 148 लोगों को कोरोना वायरस से अपनी जान गंवानी पड़ी है।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘अधिकतर पर्यटक उन होटलों में नहीं मिले जिनका उल्लेख उन्होंने वीजा आवेदन में किया है। पर्यटक अकसर पर्यटन के दौरान होटल बदलते रहते हैं।’’ पर्यटन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम टूर ऑपरेटर और एजेंट के जरिए उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे है। हालांकि, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ऐसा नहीं है कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उनकी जानकारी केवल इसलिए ली जा रही है क्योंकि वे ऐसे देश से आए हैं जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले आ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी देश में यह नियमावली नहीं है कि देश में प्रवेश करने वाले पर्यटकों की यात्राओं का लेखाजोखा रखा जाए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम आव्रजन प्रशासन से अद्यतन सूची मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि मौजूदा सूची में शामिल कई लोग स्वदेश लौट चुके हों। हम बाकी बचे लोगों का एक-दो दिन में पता लगा लेंगे।’’ मंत्रालय के मुताबिक ईरान से भारत आने वाले अधिकतर पर्यटक पर्यटन और कारोबारी वीजा पर देश में आए हैं। इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि था कि वह ईरान में फंसे भारतीयों को सामान्य उड़ानों से वापस लाने की व्यवस्था कर रहा है।