नई दिल्ली. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के 9,304 पदों को खत्म करने को मंजूरी दी। सिंह ने बुनियादी और औद्योगिक कार्यबल में 9,300 से अधिक पदों के लिए सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) के इंजीनियर-इन-चीफ के प्रस्ताव को मंजूरी दी। रक्षा मंत्रालय ने कहा, "यह लेफ्टिनेंट जनरल शेकातकर की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों के अनुरूप है, जिसने सशस्त्र बलों के युद्धक क्षमता और असंतुलन रक्षा खर्च को बढ़ाने के उपायों की सिफारिश की थी।"
समिति द्वारा की गई सिफारिशों में से एक सिविल वर्कफोर्स को इस तरह से पुनर्गठित करना था कि एमईएस का काम आंशिक रूप से विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया जा सके और अन्य काम को आउटसोर्स किया जा सके। इंजीनियर-इन-चीफ, एमईएस के प्रस्ताव के आधार पर समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप, मूल और औद्योगिक कर्मचारियों के कुल 13,157 रिक्तियों में से एमईएस में 9,304 पदों को समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
सिफारिश का उद्देश्य एमईएस के कार्यबल को कम करते हुए एक कुशल और लागत प्रभावी तरीके से एक प्रभावी संगठन बनाने का है। आसान शब्दों में कहें तो समिति ने सैन्य बलों की क्षमता बढ़ाने और रक्षा खचरें को संतुलित करने के लिए यह सिफारिश की थी। बता दें कि एमईएस देश में सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सरकारी रक्षा बुनियादी ढांचा विकास ऐजेंसियों में से एक है। यह मुख्य रूप से भारतीय सेनाओं, आयुर्विज्ञान कारखानों, डीआरडीओ और भारतीय तट रक्षक सहित भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों का प्रबंधन करती है।