Friday, November 22, 2024
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Lockdown के बाद उड़ान: शुरू में केबिन में सामान की इजाजत नहीं देना चाहता विमानन मंत्रालय

सूत्रों के अनुसार, एयरलाइन्स और विमान पत्तन संचालकों समेत सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद मसौदा एसओपी तैयार किया गया है।

Written by: Bhasha
Updated on: May 13, 2020 0:01 IST
Flight- India TV Hindi
Image Source : PTI Representational Image

मुंबई. लॉकडाउन के बाद व्यावसायिक उड़ान सेवा फिर से शुरू करने के लिए पहले चरण में कोविड-19 से संबंधित विस्तृत प्रश्नावली भरना, केबिन में सामान नहीं ले जाना, आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करना और विमान प्रस्थान के समय से कम से कम दो घंटे पहले हवाईअड्डे पर पहुंचना अनिवार्य किया जा सकता है। नागर विमानन मंत्रालय ने देश में व्यावसायिक हवाई यात्रा सेवा फिर से शुरू करने के लिए मसौदा मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से घरेलू हवाई यातायात निलंबित चल रहा है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि एक मसौदा चर्चा पत्र पर विमानन कंपनियों और हवाईअड्डों से सुझाव मांगे गए थे। ये सुझाव अब प्राप्त हो गए हैं। अंतिम मानक संचालन प्रक्रिया अभी जारी की जानी है।”

घरेलू हवाई यात्रा करने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन स्टेटस, वेब चैक-इन और तापमान की जांच का प्रस्ताव किया गया है। पक्षकारों के बीच वितरित मसौदा एसओपी में एक उड़ान के दौरान चालक दल और कॉकपिट कर्मियों को बदलने पर कुछ नहीं कहा गया है। जहां तक संभव हो, उन्हें ही उड़ान के दौरान बरकरार रखने पर विचार किया गया है ताकि उनमें आपस में संक्रमण का जोखिम कम हो।

मसौदा एसओपी केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों, विमान पत्तन संचालकों के अनुपालन के लिए भी सुझाये गये हैं जिनमें हवाईअड्डे के प्रवेश द्वारों पर पहचान पत्र की जांच नहीं करना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना शामिल है। एक अन्य सुझाव में चिकित्सकीय आपात स्थिति वाले किसी यात्री को अलग बैठाने के लिए विमान की तीन कतारों को खाली रखना भी शामिल है।

सूत्रों के अनुसार, एयरलाइन्स और विमान पत्तन संचालकों समेत सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद मसौदा एसओपी तैयार किया गया है। इस पर हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं। इस मसौदा एसओपी में सामाजिक दूरी बनाकर रखने के लिए विमान की बीच वाली सीट को खाली रखने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। विमानन नियामक डीजीसीए ने मार्च में व्यावसायिक उड़ान सेवाएं स्थगित होने से पहले ही बीच की सीट को खाली रखने का सुझाव दिया था।

इसमें कहा गया है, ‘‘यात्रियों को एक प्रश्नावली दी जाए और पिछले कम से कम एक महीने में कोविड-19 के संबंध में या यदि वे पृथक-वास में रहे हैं तो उसके संबंध में जानकारी यात्रा से पहले ही भरवाई जाए।’’ दस्तावेज के मुताबिक, ‘‘पिछले एक महीने में पृथक-वास में रहे किसी यात्री को अलग से बनाई गयी सुरक्षा जांच इकाई के पास ही सुरक्षा जांच के लिए भेजा जाए।’’

दस्तावेज के मुताबिक, यात्रियों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे खुद को हवाईअड्डे के नए तौर-तरीकों से अवगत रखें, खास तौर पर सामाजिक दूरी के नियम और विभिन्न सतहों को कम से कम स्पर्श करने से जुड़ी बातों को ले कर। इसमें कहा गया है कि यात्रियों को सामान संबंधी सीमाओं की भी जानकारी होनी चाहिए। उन्हें आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण कराना चाहिए तथा हवाईअड्डे पर पहुंचने के लिए अधिकृत टैक्सियों से पहुंचना चाहिए।

मंत्रालय ने यह भी प्रस्ताव दिया कि यात्रियों को उड़ान से कम से कम दो घंटे पहले हवाईअड्डे पहुंच जाना चाहिए और प्रवेश बिंदुओं पर भीड़ को कम से कम रखने के लिये यात्री पहचान जांच करा लेनी चाहिए। दस्तावेज के मुताबिक, यात्री वेब चेक-इन कर सकते हैं और केबिन बैगेज रखने की इजाजत संचालन के शुरुआती दौर में नहीं दी जानी चाहिए। मंत्रालय का यह भी सुझाव है कि जिन यात्रियों को शारीरिक तापमान अधिक होने या उम्र आदि की वजह से यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती, उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के तिथि बदलने की अनुमति होनी चाहिए। 

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