नई दिल्ली: केंद्रीय कार्मिक, लोकशिकायत व पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के पास सरकार के विभिन्न विभागों व उपक्रमों के कर्मचारियों का कोई केंद्रीय डाटाबेस नहीं है। डॉ. सिंह ने शिमला से सांसद वीरेन्द्र कश्यप के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए लोकसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के पास सरकार के विभिन्न विभागों व उपक्रमों में नियमित, अस्थाई, ठेके, तथा गेस्ट स्टाफ का कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं है।
मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के 77 मंत्रालयों तथा उनके अधीनस्थ कार्यालयों में पहली जनवरी, 2016 तक अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के क्रमश: 17.49, 8.47 तथा 21.57 प्रतिशत कर्मचारी कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों की संख्या उनको प्रदत्त आरक्षण के मुकाबले कम है, क्योंकि इसके लिए आरक्षण व्यवस्था सितंबर 1993 में शुरू हुई थी।
उन्होंने बताया कि पहली जनवरी, 2012 को पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों की संख्या 16.55 प्रतिशत थी, जो पहली जनवरी, 2016 को 21.57 प्रतिशत हो गई है। इससे यह साबित होता है कि केंद्र सरकार के विभागों तथा उपक्रमों में पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।