नई दिल्ली: फलों पर कृत्रिम रंग और केमिकल लगाकर उनको चमकीला बनाने और फिर उंचे दाम पर बेचने की शिकायत अक्सर आती रहती है। फल बेचनेवाले अक्सर हानिकारक कैमिकल और वैक्स का प्रयोग फलो की बाहरी चमक बढाने के लिए करते हैं। ग्राहक भी फलों की चमक देखकर उसको ताजा मान लेते है और ऊंची कीमत देते हैं। एक ऐसी ही एक घटना का शिकार खुद केंद्रीय केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के साथ बने।
दरअसल रविवार को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का सलाद खाने का मन हुआ। तो उन्होने खुद रशियन सलाद बनाने की ठानी। पासवान ने अपने स्टाफ को बाजार से रशियन सलाद के लिए जरूरी सामान और फल लाने को बोला। पासवान ने रशियन सलाद बनाना शुरू किया। उन्होने एक-एक करके सभी फलो को स्टाफ से ठीक से धोने को कहा।
जब स्टाफ ने सेब को धोया तो वो ठीक से धुल नहीं पा रहा था। सेब को पानी से धोने पर हाथ फिसल जा रहा था। फिर स्टाफ ने सेब को चाकू से खुरचा तो उस पर वैक्स (wax) लगा हुआ था। दरअसल दुकानदार ने फल में बाहरी चमक लाने के लिए उसपर वैक्स लगाया था।
पासवान ने स्टाफ से पता किया तो उसने बताया कि खान मार्केट के एक नामी फल की दुकान से सेब खरीद कर लाया है। जब दाम पूछा को खुद पासवान चौंक गए। स्टाफ ने बताया कि सेब 420 रूपए किलो खरीदा है। इसके बाद रामबिलास पासवान ने अपने अधिकारियों को फोन करके जानकारी दी। खासबात ये है कि ऐसे मिलावट को रोकने की जिम्मेदारी खुद पासवान के ही मंत्रालय की है।
इसके बाद तुरंत सरकारी हरकत में आया। उपभोक्ता मंत्रालय की टीम ने फिर खान मार्केट की उस फल की दुकान पर छापा मारा। इस टीम में उनके Weights and Measures -Legal Metrology डिपार्टमेंट के अधिकारी शामिल थे। छापे में अधिकारियों को सभी फलों पर वैक्स और कैमिकल लगाया हुआ पाया। छापे के बाद नियमों को उल्लंघन करने पर फल विक्रेता का चालान भी किया गया।
वहीं दुकानदार का कहना है कि हमें शिकायत आई थी कि सेब जो गया है उसपर वैक्स लगा हुआ है। तो हमने वो फल का लॉट वापिस भेज दिया। वो वाशिंगटन सेब था जो अमेरिका से इंपोर्ट किया था। हम ये फल आजादपुर मंडी से मंगाते है। शिकायत के बाद हमने वो सारे सेब दुकान से हटाकर आजादपुर मंडी वापिस भिजवा दिया।