नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में एनडीए के सहयोगी और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कई मांगें उठाईं। उन्होंने मराठा समाज की तर्ज पर पूरे देश में गरीब क्षत्रिय समाज के लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के साथ अनुसूचित वर्ग के लिए अलग विश्वविद्यालय खोलने की मांग की है। पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने जातिगत गणना, प्रमोशन में आरक्षण जैसे विषयों पर संसद में चर्चा कर पास करने की मांग की है।
सर्वदलीय बैठक में रामदास आठवले ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में लालकिले पर हुए हिंसक आंदोलन पर विरोध प्रकट करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं नए कृषि कानून के संदर्भ में संसद अधिवेशन के दौरान फिर से चर्चा करने और जरूरी सुधार करने का सुझाव दिया। रामदास आठवले ने कोरोना काल के दौरान देश में लाखों लोगों की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने देश में सभी गरीबों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगाने का प्रस्ताव दिया। कहा कि इसका खर्च राज्य शासन, जिला परिषद, महापालिका आदि सरकारी संस्थानों को उठाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि आदिवासी (एसटी) लोगों के लिए देश में अलग विद्यापीठ है। उसी तरह देश में एससी अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अलग विद्यापीठ यूनिवर्सिटी का स्थापना होनी चाहिए। रामदास आठवले ने प्रधानमंत्री से कहा कि देश में गरीबी के अंतर को कम करने के लिए सभी भूमिहीन लोगों को सरकार की तरफ से 5 एकड़ जमीन मुफ्त मिलनी चाहिए।