नई दिल्ली: पाकिस्तान से राजस्थान होते हुए टिड्डियों ने देश के कई राज्यों पर धावा बोल दिया है। इनसे निपटने के लिए केंद्र ने 16 राज्यों को चेतावनी जारी की है। केंद्र ने टिड्डी दलों के सफाए के लिए वायुसेना की मदद ली है। कीटनाशकों के छिड़काव के लिए हेलीकॉप्टरों के एक बेडे़ को तैयार किया गया है। फिलहाल अलग अलग राज्य सीमित संसाधनों से टिड्डियों के खात्मे में जुटे हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के साथ पाकिस्तानी टिड्डिों के खिलाफ भी निर्णायक जंग शुरू हो चुकी है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर से लोकेशन ट्रैक हो रहा है और टिड्डी दलों के आकार की मैपिंग हो रही है। जमीन पर दमकल और आसमान में हेलीकॉप्टर से स्प्रे हो रहा है। किसानों ने पहले ही कमर कस ली है। तेज आवाज और शोर मचाकर टिड्डियों को भगाया जा रहा है।
अप्रैल से अब तक 50 टिड्डी दलों का अटैक हो चुका है। राजस्थान, गुजरात, पंजाब महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। हरियाणा, यूपी के कई जिलों में भी कई टिड्डी दल आ चुके हैं। वहीं बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की सीमा पर टिड्डियों की नई ब्रीडिंग हो रही है। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 8 हजार करोड़ टिड्डी आ भारत सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर टिड्डियों से निपटने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। टिड्डियों पर एक्शन के लिए ये वॉर रूम की तरह काम कर रहा है। टिड्डी प्रभावित 10 राज्यों में 200 लोकस्ट सर्किल ऑफिस (LCO) एक्टिव हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित 4 राज्यों में 300 से ज्यादा जगहों पर कंट्रोल सेंटर बने हैं। स्प्रे से लैस 47 विशेष गाड़ियां तैनात हैं, 55 मशीन का ऑर्डर दिया गया है।
वहीं 810 टैक्ट्रर्स पर स्प्रे मशीन लगाकर छिड़काव किया जा रहा है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 53 हजार लीटर मालाथीन का स्टॉक के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा 60 हाइटेक स्प्रे मशीन लॉकडाउन खत्म होते ही पहुंचेगा।
रोजाना तेज रफ्तार से बढ़ रहे टिड्डियों के सैकड़ों झुंड ने देश के करीब 1 चौथाई हिस्से पर कहर मचा रहे हैं। राजस्थान के 21 जिले, मध्य प्रदेश के 20, उत्तर प्रदेश के 15, महाराष्ट्र के 6, गुजरात के 4 और पंजाब के 2 जिले टिड्डियों से प्रभावित हैं।
टिड्डियों का ये दल देश के पश्चिमी हिस्से से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र तक दाखिल हो चुका है और अब इसके हरियाणा और दिल्ली तक दस्तक देने का भी खतरा मंडराने लगा है। टिड्डियों के संभावित हमले को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के किसानों को अलर्ट कर दिया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में शहर के बाहरी इलाकों में इस सीजन में मुख्य तौर पर सब्जियों की खेती होती है, लिहाजा नुकसान के डर से किसानों ने भी कमर कस ली है। दिल्ली सरकार ने किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाया।
राजस्थान के अलावा यूपी में टिड्डियों के दल ने सबसे ज्यादा नुकसान झांसी में पहुंचाया जिसके बाद पूरे इलाके में जबरदस्त छिड़काव के साथ टिड्डियों के कई दल का सफाया किया गया। हवा के रुख को देखते हुए टिड्डियों का खौफ यूपी के पश्चिमी इलाकों की तरफ ज्यादा है। यहां बारिश के बाद नमी और बढ़ी। हरियाली से टिड्डियों के दल के ज्यादा देर जमने की आशंका बढ़ गई है लेकिन मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने टिड्डी दलों पर छिड़काव की तैयारी पहले ही करने के साथ 15 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
यूपी से पहले पाकिस्तानी टिड्डियों का तांडव राजस्थान और मध्य प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलों में दिखा। फिलहाल इन दोनों राज्यों में टिड्डी दलों का या तो सफाया हो चुका है, या फिर इनकी सीमा से आगे निकल चुके हैं।
बता दें कि ये टिड्डी अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान से निकलते हैं और अरब, ईरान, पाकिस्तान होते हुए भारत आते हैं। दुनिया के 60 से अधिक देशों में है इनका प्रकोप है। ये कुल आबादी के 10वें हिस्से जितनी फसल खाते हैं। टिड्डियों से धरती के 5वें हिस्से में नुकसान होता है। वहीं टिड्डियों को लेकर पाकिस्तान ने यूएन की चेतावनी नहीं मानी और ईरान-अफगानिस्तान से आए टिड्डी दल पर छिड़काव नहीं किया। इस साल टिड्डियों की ब्रीडिंग 400 गुना ज्यादा हो सकती है।