अगरतला. चिंता प्रकट करते हुए त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा है कि राज्य के कुछ हिस्सों में उग्रवादी खुद को फिर से संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं और इसे तत्काल कुचला जाना चाहिए। सरकार ने शुक्रवार को माकपा कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएडीसी) के आगामी चुनाव पर अपनी नजरें टिकाकर उग्रवादी अपनी गतिविधियां बहाल करने की कोशिश में हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने गौर किया है कि खोवई जिले के कुछ खास क्षेत्रों में, पश्चिम त्रिपुरा जिले के लेफुंगा में और बांग्लादेश से सटे उतरी त्रिपुरा के पानीसागर उपखंड में उग्रवादी अपने आप को फिर से संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने दावा किया कि राज्य में उग्रवाद पिछली वाममोर्चा सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के चलते कुचला जा सका था। सरकार ने कहा कि हमारे वक्त में ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स बस कहने भर के लिए था और उसके सारे हथियार बांग्लादेश सुरक्षाबलो द्वारा या वहां छिपे अन्य उग्रवादी संगठनों द्वारा छीन लिये गये थे।
विपक्ष के नेता ने कहा कि नेशनल लिबरेशन ऑफ त्रिपुरा को भी राज्य में 20 साल के वामशासन के दौरान कुचल दिया गया था। उन्होंने कह कि यह बड़ी चिंता की बात है कि वे अपनी गतिविधियां बहाल करने का प्रयत्न कर रहे हैं और शायद उनके निशाने पर टीटीएडीसी चुनाव है।