भोपाल: मध्यप्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में ट्रेन की चपेट में आने के कारण मारे गए 16 प्रवासी कर्मियों ने घर वापस आने के लिए राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार से 15 दिन पहले पास मांगे थे, लेकिन प्रशासन ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया था। इस बीच, मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न प्रांतों में रह रहे मध्यप्रदेश के प्रवासी लोगों से धैर्य के साथ वहीं रहने का आग्रह करते हुए शुक्रवार शाम को कहा कि प्रदेश सरकार उनके वापस आने की व्यवस्था कर रही है।
उन्होंने बताया कि अब तक 11 विशेष ट्रेन श्रमिकों के लिए चलाई गई हैं और 10 और विशेष ट्रेन शनिवार को अलग-अलग स्थानों से श्रमिकों को लेकर मध्यप्रदेश आ रही हैं। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों से कहा, ‘‘उन्हें धैर्य रखना चाहिए और पैदल यात्रा नहीं करें। वे राज्य नियंत्रण कक्ष में संपर्क कर अपना पंजीयन करायें। हम आपको प्रदेश में वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अब तक 1.25 लाख प्रवासियों को वापस लाया गया है। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों से कहा कि वे अपनी वापसी के लिए फोन नं 0755-2411180 पर पंजीयन करावायें।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘ट्रेन हादसे में मारे गए मजदूरों ने लगभग 15 दिन पहले प्रदेश सरकार से पास मांगा था। अगर पास जारी किए गए होते, तो इन 16 जिंदगियों को बचाया जा सकता था। शिवराज जी, ये मौतें जंगल राज का परिणाम है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्रेन हादसे में घायल हुए एक मजदूर का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि मध्य प्रदेश के 16 मजदूर ट्रेन से कुचल कर मर गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल ही शिवराज सिंह चौहान से प्रश्न किया था “क्या इन मज़दूरों का पंजीयन हुआ था? यदि हुआ था तो मध्य प्रदेश सरकार ने क्या इंतज़ाम किया?” हक़ीक़त ख़ुद बचे हुए मज़दूर से सुनिए।’’ संलग्न वीडियो में घायल मजदूर धीरेन्द्र सिंह यह दावा करते सुनाई दे रहा है कि उन्होंने मध्यप्रदेश में अपने संबंधित जिलों में वापसी के लिए आवेदन किया था। सिंह ने इसके बाद ट्वीट किया, ‘‘अब धीरेंद्र सिंह के बयान से साबित हो गया कि मध्य प्रदेश सरकार की लापरवाही एवं अकर्मण्यता के कारण इन मज़दूरों की जान गयी।’’
कांग्रेस के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, ‘‘जब प्रदेश सरकार ने प्रवासी लोगों को वापस लाने की व्यवस्था करने की घोषणा की है तो कांग्रेस को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। प्रवासियों के पंजीयन के बाद प्रदेश सरकार उन्हें परिवहन की व्यवस्था करने के बाद बोर्डिंग के समय और स्थान के बारे में जानकारी के लिए एसएमएस भेज रही है।’’ शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रवासी को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। भुसावल की ओर पैदल आ रहे ये मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे।