पटना। शहरों को छोड़ बिहार में अपने गांवों को पलायन करने वाले प्रवासी मजदूर बिहार पहुंचने पर सीधे अपने गांव नहीं जा सकेंगे, बिहार सरकार ने ऐसे सभी लोगों को बिहार के बॉर्डर पर ही क्वारंटाइन करने का फैसला किया है। बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि दूसरे राज्यों से बिहार पहुंचने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को 14 दिन तक बिहार बॉर्डर पर राहत केंद्रों में क्वारंटाइन किया जाएगा। संजय कुमार झा ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में सभी को खाने पीने के सामान के साथ जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी।
गौरतलब है कि देशभर के सभी शहरों में उत्तर प्रदेश और बिहार से भारी संख्या में लोग रहते हैं, कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है, लेकिन लोग इस लॉकडाउन के बावजूद बिना कोई वाहन की सुविधा होते हुए भी बिहार और उत्तर प्रदेश में अपने गांवों को निकल गए हैं। ऐसे सभी लोग भीड़ बनाकर जुट रहे हैं जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है और अगर वैसे ही वे अपने गांव पहुंच जाते हैं तो गांव के भी संक्रमित होने का खतरा है। यही वजह है कि बिहार सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले सभी लोगों को राज्य के बॉर्डर पर ही 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करने का फैसला किया है।
बिहार में अबतक कोरोना वायरस से संक्रमित 10 मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि राज्य में अभी तक इस वायरस की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है और अभी तक राज्य में स्तिति नियंत्रण में लग रही है। लेकिन जिस संख्या में लोग बिहार के लिए लौटे हैं उसे देखते हुए वहां पर भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
दुनियाभर में तो कोरोना वायरस के मामले बढ़ ही रहे हैं, साथ भारत में भी मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं जिनके मुताबिक रविवार सुबह 10 बजे तक देश में कुल 979 मामले हो गए हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कुल मामलों में 86 लोग ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से ठीक हो गए है और 1 व्यक्ति को माइग्रेट किया गया है, लेकिन इन मामलों में 25 केस ऐसे भी हैं जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हुई है।