नई दिल्ली। टूरिस्ट वीजा पर आए विदेशियों द्वारा भारत में धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर गृह मंत्रालय ने कड़ी कार्रवाई करते हुए निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल होने वाले 960 विदेशी कार्यकतार्आं के नाम काली सूची में डाल दिए हैं। जिन 960 विदेशी कार्यकर्ताओं के नाम काली सूची में डाले गए हैं, उनमें चार अमेरिकी, नौ ब्रिटिश और छह चीनी नागरिक भी शामिल हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी के पर्यटक वीजा भी रद्द कर दिए हैं।
वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद जमात के विदेशी सदस्यों में 379 इंडोनेशियाई, 110 बांग्लादेशी, 63 म्यामां के और 33 श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं। इनमें से कुछ के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि तबलीगी जमात के जिन प्रतिनिधियों के नाम काली सूची में डाले गए हैं उनमें 77 किर्गिस्तानी, 75 मलेशियाई, 65 थाई, 12 वियतनामी, 9 सऊदी अरब के और 3 फ्रांस के नागरिक शामिल हैं। इन सभी के वीजा को रद्द कर दिया गया है।
तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ यह कार्रवाई उस वक्त की गई, जब दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित इस्लामी संगठन के मुख्यालय में 250 विदेशी सदस्यों समेत 2,300 कार्यकर्ता कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मद्देनजर लागू 21 दिन के लॉकडाउन के बावजूद यहां ठहरे पाए गए। तबलीगी जमात के 300 से ज्यादा प्रतिनिधि कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाए गए, जबकि अन्य को विभिन्न पृथक केंद्रों में रखा गया है।
निजामुद्दीन मरकज में पिछले महीने हुई एक धार्मिक सभा में कम से कम 9,000 लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसके बाद इनमें से कई ने धर्म प्रचार कार्य के लिए देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की। देश में अब तक कोविड-19 के 400 मरीज और 12 मौतें ऐसी हुई हैं, जिनका संबंध निजामुद्दीन मरकज से है।