नई दिल्ली: दिल्ली राज्य उपभोक्ता पैनल ने अमेरिका में मियामी में यात्रा के दौरान एक भारतीय नागरिक के बैग को सही तरीके से नहीं संभालने को लेकर मैक्सिको की एक विमानन कंपनी को यात्री को 5 लाख रुपये देने को कहा है। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा कि विमानन कंपनी की सेवा में त्रुटियां साबित हुई हैं। फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि साफतौर पर गलती विमानन कंपनी की है क्योंकि वह यात्री का बैग सही से संभाल नहीं पाई।
न्यायिक सदस्य ओ. पी. गुप्ता और अनिल श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘हमें यह स्पष्ट हो चुका है कि प्रतिवादी-2 (एयरोमैक्सिको एयरलाइंस) ने बैग को गलत जगह रखकर गलती की क्योंकि उसने प्रतिवादी पक्ष -1 (ब्रिटिश एयरवेज) से बैग मिलने पर उसे ढंग से नहीं रखा।’ पीठ ने कहा, ‘इस दावे के विरोध में कोई भी सबूत नहीं है। प्रतिवादी पक्ष (एयरोमैक्सिको एयरलाइंस) सेवा में खामी बरतने का दोषी पाया गया और वह मुआवजा देने का पात्र है।’ उपभोक्ता पैनल ने संबंधित विमानन कंपनी को दिल्ली के निवासी चंदर मोहन लाल को उनके द्वारा सफर पर खर्च की गई राशि 5 लाख रुपये के मुआवजे के साथ लौटाने को कहा।
लाल के अनुसार मियामी में एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल होने के लिए उन्होंने 5 नवंबर, 2011 को नई दिल्ली से ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान ली थी। उन्हें मैक्सिको के कानकून से मियामी के लिए एयरोमैक्सिको एयरलाइंस पर सवार होना था लेकिन इसी बीच उनका बैग गुम हो गया और मियामी नहीं पहुंच पाया। उपभोक्ता अदालत ने इस मामले में एयरलाइंस की गलती मानी और उसे यात्री को यात्रा खर्च के अलावा 5 लाख रुपये जुर्माना चुकाने का निर्देश दिया।