नई दिल्ली: मीटू कैम्पेन में रोजाना हो रहे खुलासों के बाद अब मोदी सरकार ने इस पर एक बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन (जीओएम) किया गया है। मंत्रियों का ये समूह इस बात पर भी विचार करेगी कि विशाखा गाइडलाइंस पर क्या सुधार किया जाए। पहले ऐसे संकेत थे कि समूह की अध्यक्षता एक वरिष्ठ महिला कैबिनेट मंत्री कर सकती हैं लेकिन अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह इसकी अध्यक्षता करेंगे।
जीओएम में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और निर्मला सीतारमण सदस्य होंगी। यह समूह तीन महीने में रिपोर्ट देगी। बता दें कि यौन शोषण और यौन उत्पीड़न के मामले में विशाखा कानून का प्रावधान है लेकिन सरकार के इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निपटारे के लिए कानूनी एवं संस्थागत ढांचे पर विचार करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा एक कानूनी समिति गठित करने का प्रस्ताव करने और उन्हें मजबूत करने के लिए मंत्रालय को सलाह देने के सिलसिले में कदम उठाए जाने के कुछ दिनों बाद जीओएम गठित किया गया है।
अभिनेता नाना पाटेकर पर एक फिल्म की शूटिंग के दौरान 2008 में अपने साथ दुर्व्यवहार करने का अदाकारा तनुश्री दत्ता द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद देश में शुरू हुआ ‘‘मीटू’’ अभियान तेजी से आगे बढ़ा है। कई महिलाओं ने सामने आ कर विभिन्न शख्सियतों के खिलाफ अपनी शिकायत व्यक्त की है।
यौन दुर्व्यवहार के आरोपियों में पूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, साजिद खान, रजत कपूर और अभिनेता आलोक नाथ आदि शामिल हैं। अकबर ने अपने खिलाफ लगे इन आरोपों को लेकर बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।