नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर ने हाल ही में उन पर करीब 20 साल पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ सोमवार को पटियाला हाउस अदालत में एक निजी आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की। विदेश राज्यमंत्री अकबर ने कहा कि रमानी ने ‘‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से’’ आरोप लगाए जिनकी गुप्त मंशा उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक औहदे को नुकसान पहुंचाना है। अकबर ने लॉ फर्म ‘करनजावाला एंड कंपनी’ के जरिए पटियाला हाउस जिला अदालत में याचिका दायर की और ‘वकालतनामा’ में 97 वकीलों के नाम दिए जिन्हें अकबर का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किया गया है। मंत्री ने पत्रकार के खिलाफ मानहानि से जुड़े दंडात्मक प्रावधान के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया।
भाजपा के मंत्री ने कहा, ‘‘आरोपी (रमानी) ने शिकायतकर्ता (अकबर) को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ झूठे, आपत्तिजनक और द्वेषपूर्ण लांछन लगाए जिनकी एकमात्र गुप्त मंशा शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा और राजनीतिक औहदे को नुकसान पहुंचाना है और इसमें उनके निहित स्वार्थ तथा एजेंडा है।’’ अकबर के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, रमानी ने एक बयान में कहा कि वह मानहानि आरोपों का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कई महिलाओं द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय वह डरा धमकाकर और प्रताड़ित करके उन्हें चुप कराना चाहते हैं।’’
अकबर की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है। शिकायत में रमानी द्वारा सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगाए गए मानहानिपूर्ण आरोपों का उल्लेख किया गया है और इसमें अकबर के पत्रकार के रूप में ‘‘लंबे और शानदार’’ करियर का जिक्र किया गया है। अकबर ने अपनी शिकायत में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी (रमानी) ने द्वेषपूर्ण तरीके से कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसे वह मीडिया में बेरहमी के साथ फैला रही है। शिकायत में कहा गया है कि यह भी स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ झूठी बातें किसी एजेंडे को पूरा करने के लिए प्रायोजित तरीके से फैलाई जा रही हैं।
इसमें अकबर के खिलाफ रमानी के आरोपों को ‘‘बदनाम करने वाला’’ बताया गया। इसमें कहा गया कि आरोपों की ‘‘भाषा और सुर’’ पहली नजर में ही मानहानिपूर्ण हैं और इन्होंने न केवल उनके (अकबर) सामाजिक संबंधों में उनकी प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाया है बल्कि समाज, मित्रों और सहयोगियों के बीच अकबर की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई है। आरोपों ने ‘‘अपूरणीय क्षति’’ की है और ‘‘अत्यंत दुखद’’ हैं।
अधिवक्ता संदीप कपूर के जरिये दायर शिकायत में रमानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) के तहत नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया। भादंसं की धारा 500 में व्यवस्था है कि आरोपी को दोषी ठहराए जाने पर दो साल का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
अफ्रीका के दौरे से लौटने के कुछ घंटे बाद, अकबर ने कई महिलाओं द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को ‘‘झूठा, फर्जी और बेहद दुखद’’ करार दिया था और कहा था कि वह उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। अकबर का नाम सोशल मीडिया पर उस समय सामने आया था जब वह नाइजीरिया में थे। अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिलाओं में प्रिया रमानी, गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजू भारती और शुतापा पॉल शामिल हैं।
देखें 97 वकीलों की लिस्ट जो लड़ेंगे एमजे अकबर का केस-