नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम मॉनसून की शुरूआत हो गई है और महानगर मुंबई में आज भारी वर्षा हुई जिससे उपनगर में रेलगाड़ियों के परिचालन में विलंब हुआ। भारतीय मौसमविज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई, कोंकण-ठाणे के इलाकों, अहमदनगर, परभनी तथा महाराष्ट्र के अन्य भागों में मॉनसून की शुरूआत की आज घोषण की। आईएमडी के उप निदेशक केएस होसालिकर ने कहा,‘‘आज सुबह साढ़े आठ बजे तक उपनगरीय इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई।’’ एक अधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण मध्य रेलवे के उपनगरीय खंडों पर ट्रेनें 10-12 मिनट की देरी से चल रही हैं। किसी भी ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है।
कल देर रात से रूक रूक कर मुंबई के कई इलाकों में हल्की बारिश हो रही थी। मौसम विभाग ने 48 घंटे का अलर्ट जारी किया था। यानी 9 और 10 जून को भारी बारिश की चेतावनी थी और आज सुबह से मुंबई में बारिश शुरू हो गई है लेकिन अभी यह काफी हल्की है और रूक रूक हो रही है। हालांकि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद बीएमसी ने दावा किया है कि मुंबई में इस बार कहीं भी वाटर लॉगिंग की परेशानी नहीं होगी क्योकि बीएमसी ने पहले से ही तैयारी कर ली है। मौसम विभाग की माने तो आज और कल मुंबई में मूसलाधार बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के इस अलर्ट के बाद सवालों के घेरे में रही बीएमसी भी अलर्ट हो गई है। फिर से मुंबई पानी पानी ना हो इसके लिए बीएमसी ने खास इंतेजाम किए हैं। उनकी मानें तो जल भराव के हालात से बचने के लिए मेनहोल और गटर की सफाई की गई है। 1400 मेनहोल की मरम्मत कर जाली लगाई है और लो लाइन इलाकों से पानी निकालने के लिए पम्प लगाए गए हैं। 225 लो लाइन इलाकों में 298 वाटर पम्प लगाए गए हैं। वहीं सड़कों के गड्ढ़ों को भरा गया है और टूटी हुई सड़कों की मरम्मत भी की गई है।
जिस तरह की तैयारियों का दावा किया गया है उनसे लगता है इस बार मुंबई में बारिश आने पर पानी नहीं भरेगा लेकिन अब भी कई ऐसे लो लाइन इलाके हैं जहां लोगों का आरोप है कि वहां बीएमसी ने कुछ काम नहीं किया। मेनहोल गटर की सफाई तो छोडिये, मेनहोल के टूटे ढक्कन की मरम्मत तक नहीं करवाई गई है।
भारी बरसात के बाद मुंबई के समंदर में हाई टाइड का खतरा बना रहता है ऐसे में बीएमसी समंदर किनारे चेतावनी के बोर्ड लगाती है कि समंदर में अदंर की तरफ ना जाएं लेकिन लोगों का आरोप है इस बार अभी तक बीएमसी ने हाई टाईड को लेकर भी कोई तैयारी नहीं की है। इसके अलावा बरसात में पुरानी इमारतों के गिरने का डर भी बना रहता है। आरोप ये भी है कि बीएमसी जर्जर हालत वाली इमारतों को सिर्फ नोटिस थमा देती है लेकिन इमारत को खाली कराने पर कोई कार्रवाई नहीं होती।