नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तिब्बत के आध्यात्मिक नेता और सर्वोच्च बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा को उनके 86वें जन्मदिन पर फोन करके बधाई दी है। दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर वैसे तो दुनियाभर से बधाई संदेश मिल रहे हैं लेकिन पूरी दुनिया की नजर प्रधानमंत्री मोदी के संदेश पर टिकी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में जानकारी देते हुए कहा है कि, ‘‘86वें जन्मदिन पर मैंने दलाई लामा से फोन पर बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। हम उनके लंबे व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई नहीं दी थी, पिछले साल जून में लद्दाख में चीन की घुसपैठ के बाद सबकी नजर इस बात पर टिकी हुई थी कि प्रधानमंत्री मोदी दलाई लामा को जम्मदिन की बधाई देंगे या नहीं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा को जन्मदिन की न सिर्फ बधाई दी है बल्कि उन्हें फोन भी किया है।
दलाई लामा का जन्म छह जुलाई 1935 को उत्तरी तिब्बत में आमदो के एक छोटे से गांव तकछेर में एक कृषक परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम ल्हामो दोनडुब था। उन्हें 1989 में शांति का नोबेल सम्मान मिला था। चीन ने जब तिब्बत पर कब्जा किया था तो दलाई लामा ने भारत की शरण ली थी, वे 1959 से भारत में रह रहे हैं और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बत समुदाय के लोगों के साथ तिब्बत की निर्वासित सरकार चला रहे हैं।
दलाई लामा को चीन मान्यता नहीं देता है और जानकार मानते हैं कि दलाई लामा के बाद चीन अपने किसी पिट्ठू को उनकी जगह पर तिब्बत का सर्वोच्च नेता बैठाने की फिराक में है। भारत से चीन इसलिए भी चिढ़ता रहा है क्योंकि भारत ने निर्वासित तिब्बती समुदाय और दलाई लामा को शरण दे रखी है। ऐसे में दलाई लामा जन्मदिन की बधाई देना और सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी देना एक तरह से चीन को भारत का संदेश है।