नई दिल्ली: निर्भया के एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई है। विनय के वकील एपी सिंह ने बताया कि दोषी विनय शर्मा द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की गई है। इससे पहले दोषी मुकेश ने भी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी लेकिन बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने दोषी मुकेश की राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।
अब ऐसे में एक बार फिर से सवाल खड़ा होता है कि क्या फिर से दोषियों की फांसी की तारीख टल जाएगी। क्योंकि, जेल मैन्युअल में लिखा गया है कि सारी लीगल रैमेडीज खत्म होने के बाद...दया याचिका खारिज होने के बाद भी अपराधी को चौदह दिन से पहले फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता। ऐसे में जब अब विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका फाइल की है तो यह सवाल फिर से खड़ा होने लगा है कि इसकी वजह से क्या इनकी फांसी आगे के लिए टल सकती है। इस मामले में ऐसा पहले भी हो चुका है।
सभी दोषियों को पहले 22 जनवरी की सुबह फांसी होनी थी लेकिन फांसी से पहले ही दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेज दी। हालांकि, राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका को खारिज कर दिया लेकिन जेल मैन्युअल के मुताबिक दोषियों की फांसी आगे के लिए टल गई। कोर्ट ने फिर से डेथ वारंट जारिया और फांसी की तारीख एक फरवरी तय की गई। लेकिन, फांसी से पहले ही अब एक बार फिर से राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर कर दी। विनय ने अपनी दया याचिका में माता-पिता का अकेला सहारा होने का हवाला दिया है।
विनय ने दया याचिका में लिखा, "बूढ़े माता-पिता का अकेला बेटा हूं। मेरे अलावा उनका कोई सहारा नहीं है। मैं जेल में रह कर अपनी भूल सुधार रहा हूं। जेल में रह कर कई काम सीखे और किए हैं। बहुत कैदियों की मदद की।”