नई दिल्ली: भारतीय अधिकारियों ने डोमिनिका हाईकोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि मेहुल चोकसी की भारतीय नागरिकता त्यागने की अर्जी नामंजूर की जा चुकी है। वह अब भी एक भारतीय नागरिक है।मेहुल पर पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों द्वारा दायर इस हलफनामे में कहा गया है कि भारतीय नागरिकता कानून 1955 के तहत उसके द्वारा देश की नागरिकता छोड़ दिए जाने का दावा त्रुटिपूर्ण है। उसकी अर्जी को खारिज किया जा चुका है।
8 जून को दायर 14-पृष्ठ के हलफनामे में कहा गया है, मेहुल चोकसी की भारतीय नागरिकता अभी भी समाप्त नहीं हुई है और इसलिए भारतीय नागरिकता के त्याग देने का उसका दावा भारतीय कानून के विपरीत है और यह पूरी तरह से गलत है। इस मामले में मेहुल पूरी तरह से फर्जी है, इसका जिक्र करते हुए आगे कहा गया कि यह माननीय अदालत किए गए इस गलत दावे को पूरी तरह से खारिज कर सकता है।
इसमें आगे कहा गया, मेहुल ने 14 दिसंबर, 2018 को अपनी भारतीय नागरिकता त्यागने के लिए जॉर्ज टाउन, गुयाना में भारतीय उच्चायोग को अपना भारतीय पासपोर्ट सौंपा था। हालांकि भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 8 के तहत त्याग की घोषणा को पंजीकृत किया जाना चाहिए। इसके बाद ही किसी की भारतीय नागरिकता समाप्त हो सकेगी। अधिनियम में वर्णित नियम 38 के मुताबिक, पंजीकरण की घोषणा भारतीय मिशन के माध्यम से भारत के गृह मंत्रालय को करनी होती है।
हलफनामे में आगे कहा गया कि चौकसी ने अपना पासपोर्ट तो जमा करा दिया था, लेकिन 29 जनवरी, 2019 को भारतीय गृह मंत्रालय को उसकी इस घोषणा में कई कमियां पाई गईं और चूंकि मेहुल भारत में धोखाधड़ी के एक मामले में वांछित है इसलिए गुयाना में भारतीय मिशन को सलाह दी जा रही है कि उसके त्याग की घोषणा की अस्वीकृति पर विचार करें।