नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 13500 करोड़ के घोटाले मामले में भगौड़ा साबित हो चुका मेहुल चौकसी फिलहाल डॉमिनिका में अस्पताल में भर्ती है। भारतीय एजेंसियां उसे कब और कैसे भारत वापिस ला पाएंगी, यह हर कोई जानना चाहता है। तो बता दें कि डॉमिनिका की अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई 2 जून यानी कल होनी है। कोर्ट में मेहुल के वकीलों की दलील है कि 'वो एंटीगुआ का नागरिक है, वहां की नागरिकता ली हुई है तो सेक्शन 9 के हिसाब से उन्हें डायरेक्ट भारत नहीं भेजा का सकता, उन्हें एंटीगुआ भेजना होगा, वहां से प्रत्यपर्ण की प्रक्रिया हो सकती है।' तो वहीं भारतीय एजेंसियों की दलील है कि 'मेहुल डॉमिनिका में पकड़ा गया है जहां से वो क्यूबा भागना चाहता था। ऐसे में क्योंकि भारत में उसकी नागरिकता रद्द नहीं हुई है और डॉमिनिका में वो अवैध तरीके से पकड़ा गया है तो पीएनबी घोटाले केस में उसे सीधा भारत डिपोर्ट कर दिया जाए।' ऐसे में कल होने वाली सुनवाई बहुत अहम मानी जा रही है। उसी से आगे की चीजें साफ हो पाएंगी।
सवाल यह है कि मेहुल चौकसी एंटीगुआ से डॉमिनिका कैसे पहुंचा और अगर पहुंचा तो इसके पास पासपोर्ट क्यों नहीं था। इसपर अलग-अलग दलीलें सामने आ रही हैं, जिसमें मेहुल की गर्लफ्रेंड बबारा जराबिका भी इसके पीछे एक वजह बताई जा रही है। एंटीगुआ के पीएम भी लोकल रेडियो एंटीगुआ न्यूजरूम को एक बयान में कह चुके हैं कि मेहुल अपनी महिला मित्र के साथ डॉमिनिका गया था, जहां वो पकड़ा गया। लेकिन, उसके बाद वो महिला मित्र कहां गई और मेहुल के शरीर पर चोट कैसे आई, यह अभी जानकारी नहीं है।
हालांकि, कोर्ट में एजेंसियों को ऑन पेपर दलीलें देनी होंगी कि मेहुल को किस तरह से पकड़ा गया, उससे हकीकत साफ होगी। लेकिन, मेहुल की लीगल टीम से हमने मेहुल के डॉमिनिका में पकड़े जाने और वहां कैसे पहुँचने पर बात की तो मेहुल के वकील विजय अग्रवाल की दलील है कि ये कुछ देश और एजेंसियों का ज्वाइंट ऑपरेशन था क्योंकि मेहुल को एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त है और प्रत्यर्पण पर स्टे लिया हुआ है तो ऑपरेशन इस तरह से अंजाम दिया गया कि मेहुल को किसी तरह दूसरे देश लाया जाए और वहां से भारत डिपोर्ट करा दिया जाए, जिसमें ये ऑपरेशन एजेंसियों का था लेकिन इसमें शामिल बाहर के लोग भी थे, जिनके जरिए ये अपहरण कराया गया और वो महिला भी इसमें शामिल थी।
मेहुल के वकील के मुताबिक, मेहुल के एंटीगुआ के घर के पास एक महिला को ठहरवाया गया, मॉर्निंग इवनिंग वॉक में उस महिला की मेहुल से दोस्ती हुई, दोस्ती इस कदर हुई कि ये महिला जिसका नाम बबारा बताया जा रहा है, ये मेहुल के परिवार और कुक को भी जानती थी और इसने मेहुल को मिलने बुलाया, जहां पहले से एजेंसियों की टीम थी। जहाँ से मेहुल को उठाया गया। यह सब कोर्ट में बताया जाएगा। इसके साथ ही मेहुल के शरीर पर चोटें और किस तरीके से मेहुल को उठाने के बाद वो महिला मित्र गायब हो गई, ये भी कोर्ट में बताया जाएगा।
मेहुल की लीगल टीम की तरफ से जो भी दलीलें दी जा रही हो लेकिन हकीकत यही है कि मेहुल चौकसी भारत के पीएनबी बैंक से 13500 करोड़ रुपए का गबन करके फरार है, चौकसी का भांजा भी लंदन की जेल में इसी केस में बन्द है, जिसे भारत लाने की तैयारी और प्रक्रिया कोर्ट में चल रही है। किसी भी देश से फरार भगौड़े का प्रत्यर्पण कराना या डिपोर्ट कराना एक पूरा प्रॉसेस होता है, जिसमें एमईए, डिप्लोमेटिक चैनल के अलावा रॉ और तमाम एजेंसियो के ऑपरेशन होते है।
2 जून यानी कल डॉमिनिका की अदालत में मेहुल चौकसी को लेकर सुनवाई है, जिससे ये बाते साफ होंगी कि अवैध तरीके से पकड़े जाने पर डॉमिनिका से सीधे मेहुल को भारत भेजा जाएगा या वापस एंटीगुआ भेजा जाएगा। भारत सरकार और एजेंसियों की कोशिश है कि 13500 करोड़ का घोटाला करके फरार हुए मेहुल चौकसी, नीरव मोदी के अलावा अलग केस में फरार विजय माल्या जैसे भगौड़ा को जल्द हिन्दुस्तान की जमीन पर कानूनी लड़ाई के साथ वापिस लाया जाए और इनसे पाई-पाई का हिसाब लेकर इन्हें कानून के हिसाब से सजा दिलाई जाए।