नई दिल्ली: इस हफ्ते इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो "आप की अदालत" में इस हफ्ते मुकदमे का सामना करने आईं जम्मू और कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर से जुड़े तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सीजफायर पर पूछे गए सवाल पर महबूबा ने रमजान के समय एकतरफा सीजफायर का समर्थन करते हुए इसे अपनी सरकार के दौरान दो साल में उठाया गया सबसे अच्छा कदम बताया। महबूबा ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोगों ने सीजफायर के दौरान राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि सीजफायर के चलते घाटी में हालात 70 प्रतिशत तक सामान्य हो गए थे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह चाहती थीं इसे आगे बढ़ाया जाए।
महबूबा ने कहा कि, "सीजफायर से लोगों को आराम मिला, सुकून मिला। इससे ऐसा प्रभाव पड़ा कि जब गृह मंत्री वहां आए तो पहली बार कोई हड़ताल नहीं हुई। ये आतंकियों के लिए सीजफायर नहीं था आम लोगों के लिए था। और ये वाजपेयीजी की सरकार के समय भी हुआ था। हम बस चाहते थे ये खून खराबा बंद हो। आतंकी ये नहीं चाहते कि चीजें सामान्य हो, बच्चे स्कूल जाएं। कश्मीर की समस्या सिर्फ बंदूक से नहीं हो सकती। नहीं तो, वाजपेयी बस लेकर पाकिस्तान क्यों जाते।"
पाकिस्तान से बात करने के सवाल पर महबूबा ने कहा कि," कश्मीर के लिए आपको पाकिस्तान से बात करनी ही पड़ेगी, एक बार नहीं, दो बार नहीं, कई बार कोशिशें करनी पड़ेंगी। उतनी कोशिशें करनी पड़ेंगी जितना आपको कश्मीर से प्यार है। इस 56 इंच के सीने में से जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक इंच निकालना पड़ेगा।'
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