Highlights
- घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाएं और सुरक्षाबल के ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच प्रशासन ने ये बड़ा फैसला लिया है।
- इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि सोमवार को हुई मुठभेड़ में तीन नागरिक मारे गए हैं।
- मोहम्मद आमिर के पिता लतीफ मगराय ने अपने बेटे के आतंकवादी होने के अधिकारियों के दावे को खारिज कर दिया।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया है। घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाएं और सुरक्षाबल के ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच प्रशासन ने ये बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने यह फैसला घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाएं और सुरक्षाबल के ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच लिया है।
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि सोमवार को हुई मुठभेड़ में तीन नागरिक मारे गए हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मैं विरोध कर रही हूं क्योंकि यह सरकार उग्रवाद के नाम पर नागरिकों को मारती है। कोई नहीं जानता कि आतंकवादी मारे जा रहे हैं या नहीं। हाल ही में तीन नागरिक मारे गए हैं। सरकार ने मांग के बावजूद उनके शव परिजनों को सौंपने से इनकार कर दिया।'
उन्होंने सुरक्षा बलों की गोलीबारी में आम नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ यहां प्रदर्शन भी किया और मृतकों के शवों को उनके परिजनों को सौंपे जाने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) जब से प्रभाव में आया है, बेगुनाहों की मौत की कोई जवाबदेही नहीं रही है। सोमवार को एक आतंकवाद निरोधक अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो आम नागरिक समेत चार लोग मारे गये थे।
पुलिस ने बताया कि हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय साथी मोहम्मद आमिर के साथ दो आम नागरिक- अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल मारे गये। इस इलाके में कथित रूप से एक अवैध कॉल सेंटर और आतंकी ठिकाना था। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने दावा किया कि गुल आतंकवादियों का करीबी सहयोगी था और भट के मालिकाना हक वाले परिसर में कॉल सेंटर चला रहा था। भट आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।
मोहम्मद आमिर के पिता लतीफ मगराय ने अपने बेटे के आतंकवादी होने के अधिकारियों के दावे को खारिज कर दिया। महबूबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ पार्टी के गांधीनगर स्थित मुख्यालय में प्रदर्शन किया। उनके हाथ में पोस्टर था जिस पर लिखा था, ‘‘हमें मारना बंद करो, हैदरपुरा मामले की जांच करो और शव परिवारों को सौंपे जाएं’’। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को मुख्य मार्ग की ओर बढ़ने से रोक लिया।