नई दिल्ली। कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच घाटी में स्थानीय राजनीतिक दलों ने चिंता जाहिर की है। शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट सहित कई सियासी दलों के नेताओं ने बैठक की। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला बोला है।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि देश की अर्थवस्था गिर रही है, लेकिन आशा है कि कश्मीर का इस्तेमाल जनता को भटकाने के लिए नहीं किया जाएगा। इस तरह के कदम से भयावह परिणाम होंगे और कश्मीरों को दर किनार करने वाले होंगे।
एक अन्य ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने लिखा, “आपने एकमात्र मुस्लिम बाहुल्य राज्य का प्यार नहीं जीत पाए, जिसने जिसने धार्मिक आधार पर विभाजन को खारिज कर दिया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना। आखिरकार भारत ने लोगों के बजाय क्षेत्र को चुन लिया।”
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि मुफ्ती साहब हमेशा कहते थे कि कश्मीर को जो भी कुछ मिलेगा वो उन्हें उनके अपने देश भारत से मिलेगा। लेकिन आज वहीं देश उनकी विशेष पहचान को छीनने की तैयारी कर रहा है।
ट्वीट कर महबूबा ने यह भी दावा किया कि श्रीनगर की सड़कों पर पूरी भ्रम का माहौल है। लोग एटीएम, पेट्रोल पंप और आवश्यक आपूर्ति पर स्टॉक करने के लिए भाग रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि क्या भारत सरकार को केवल यत्रियों की सुरक्षा की चिंता है जबकि कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है?
किसी भी अफवाह पर न करें भरोसा – बसीर अहमद खान
संभागीय आयुक्त कश्मीर, आधार अहमद खान ने कहा है कि जिले के किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया गया है। मैं लोगों से किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील करता हूं। विश्वसनीय जानकारी के लिए लोगों को अपने संबंधित उपायुक्तों से संपर्क करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर से यात्रियों के बाहर निकलने संबंधी परामर्श पर कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में मौजूद अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द से राज्य से बाहर निकलने से जुड़े सरकारी परामर्श का विषय शुक्रवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि सरकार को सदन में इस पर बयान देना चाहिए।
सदन में बांध सुरक्षा विधेयक पर चर्चा के बीच में इस विषय को उठाते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से कोई परामर्श जारी किया गया है। हमारी मांग है कि सरकार इस बारे में यहां जवाब दे। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि चर्चा होने दीजिए, इस पर बाद में देखते हैं। इसके बाद उन्होंने चर्चा को आगे बढ़ाया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने का परामर्श जारी किया है। सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाएं। (भाषा)