नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पीएम मोदी के साथ आयोजित होने वाली बैठक में शिरकत करेगी। इस बैठक से पहले उन्होंने एक बड़ी बात कही है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार को कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने ये बयान आज गुपकार गठबंधन की बैठक के बाद दिया। गुपकार की ये बैठक आज श्रीनगर में फारूक अब्दुल्ला के निवास पर हुई।
इससे पहले मीडिया से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम डायलॉग के खिलाफ नहीं, लेकिन हम जरूर चाहते हैं कि कुछ कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर (Confidence building majors) होने चाहिए। पूरे देश में कोरोना महामारी के दौरान कैदियों को रिहा किया गया, जम्मू कश्मीर में भी ऐसा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हमारा ख्याल था कि गुपकार गठबंधन के हेड के तौर पर फारूख साहब जाएंगे, लेकिन इनका कहना है कि सबको अलग अलग बुलाया गया है सबको अलग अलग जाना चाहिए।
महबूबा ने आगे कहा कि उनका जो भी एजेंडा होगा, हम अपना एजेंडा उनके सामने रखेंगे और उम्मीद करेंगे कि हमारे जाने से कम से कम इतना हो कि जेलों में बंद हमारे लोगों को कम से कम रिहा किया जाए, अगर रिहा नहीं कर सकते तो कम से कम जम्मू-कश्मीर ले आएं, कम से कम उनके परिवार के लोग तो उनसे मिल सकें।
उन्होंने कहा कि गुपकार गठबंधन का जो एजेंडा है, उसके तहत हम बात करेंगे, जो हमसे छीना गया है, उसपर बात करेंगे कि यह गलत किया है, यह गैर कानूनी है, असंवैधानिक है। इसको बहाल किए बगैर जम्मू कश्मीर में अमन बहाल नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक पर डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "बैठक में महबूबा जी, मैं, तारीगामी साहब और हममें से जिनको भी बुलाया गया है, हम लोग जा रहे हैं। हम सब बात करेंगे। हमारा मकसद सभी को मालूम है। वहां पर आप हर बात पर बोल सकते हैं। उनकी तरफ से कोई एजेंडा तय नहीं हुआ है।"