मेघालय उच्च न्यायालय ने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) को राज्य में भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे बोरखत-सोनापुर रोड के लिये एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर तैयार करने का निर्देश दिया। पूर्ववर्ती राज्य सरकारों ने धन की कमी के कारण पूर्वी जयंतिया हिल्स में स्थित सड़क पर ध्यान नहीं दिया था।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद याकूब मीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘हमने एनईसी के सचिव को डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर विचार करने और उस पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।’’
सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता ने अपने हलफनामे में बताया कि सड़क निर्माण के लिए डीपीआर 10 दिसंबर को एनईसी को सौंप दिया गया।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि अदालत को सूचित नहीं किया गया है कि एनईसी के सचिव ने कोई निर्णय लिया है या नहीं।
दूसरी तरफ वन और पर्यावरण विभाग के आयुक्त और सचिव द्वारा दायर हलफनामा में बताया गया है कि नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की स्थायी समिति (एनबीडब्ल्यूएल) की सिफारिश के मुताबिक, हलफनामे के 14 वें पैरा में बताए गये कुछ सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।