नई दिल्ली: निपाह वायरस ने जहां एक तरफ पूरे देशभर में अपना आतंक फैला रखा है और इससे निपटने की सलाह हर जगह दी जा रही है लेकिन इन सबके इतर गुजरात के एक गांव में रहने वाली 74 वर्ष की बुज़ुर्ग महिला 2,000 चमगादड़ों के साथ अपने अशियाने में आराम के साथ रह रही है। ये चमगादड़ इस महिला के घर में लगभग एक दशक से रह रही हैं। हैरानी की बात तो ये है कि 74 वर्षीय इस महिला को भी पता है कि इन चमगादड़ों से निपाह वायरस फैल रहा है, पर उनको इसका कोई डर नहीं है। उनका कहना है कि ये सभी चमगादड़ ही उनका परिवार हैं।
शांताबेन प्रजापति अहमदाबाद से 50 किलोमीटर दूर कडी तहसील के राजपुर गांव में तीन कमरे वाले अपने पुश्तैनी घर में अकेली रहती हैं। शांताबेन का एक बेटा है जो अपनी पत्नी के साथ किसी और शहर में रहता है। इस घर के दो कमरों में चमगादड़ और एक कमरे में शांताबेन खुद रहती हैं। हजारों चमगादड़ों के बीच रहने वाली इस वृद्ध महिला को डरावने लगने वाले चमगादड़ों से बिलकुल डर डर नहीं लगाता बल्कि वह इनके साथ की आदी हो गई हैं और तो और वो इन्हें लक्ष्मी का अवतार भी मानती हैं।
निपाह वायरस के बारे में बात करने पर शांताबेन ने कहा, 'उस बीमारी के बारे में सुना है पर मुझे उससे कोई डर नहीं है। ये चमगादड़ मेरा परिवार हैं। मैं एक दशक से इनके साथ रह रही हूं। और उन्होंने ये भी बताया कि, 'जब मैंने घर के आंगन में खाना बनाना और सोना शुरू किया, तब से इन चमगादड़ों की संख्या बढ़ती चली गई और मेरा परिवार बढ़ता गया। चमगादड़ों के झुंड ने मेरे 2 कमरों के घर की चारों दीवारों को अपना आशियाना बना लिया है। साथ ही घर की ऊपरी मंज़िल पर चमगादड़ रहते हैं।
शांताबेन जब केवल 30 साल की थीं तक अचानक उनके पति कांजीभाई की बिजली गिरने से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद बहुत ही बुरे दिन का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी मज़दूरी करके शांताबेन ने अपनी तीन बेटियों की शादी की और अपने बेटे को क़ाबिल बनाया और अब उनका बेटा अब मुंबई में रहता है। अब इस घर में उनके साथ रहने वाला कोई नहीं है वो इन चमगादड़ों के साथ अकेले रहती हैं।