नई दिल्ली। बुधवार को खत्म हुए यूरोपीय सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर एमईए की तरफ से टिपप्णी की गई है। एमईए के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि इस तरह का संवाद लोगों से लोगों के बीच संपर्क का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अहम बात यह है कि क्या इस तरह के संवाद से बड़े राष्ट्रीय हितों की पूर्ति होती है।
रवीश कुमार ने कहा कि यूरोपीय सांसदों का यह दौरा कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करने के लिये नहीं था। उन्होंने कहा कि संसद सदस्यों के विचारों से जमीनी हकीकत और कश्मीर में आतंकवाद के खतरे के बारे में उनकी समझ प्रदर्शित हुई। रवीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि जरूरी नहीं कि प्रतिनिधिमंडल आधिकारिक माध्यमों से आएं।
चीन को दी नसीहत
प्रेस वार्ता में जब रवीश कुमार से चीन द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर हाल ही में दिए गए बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चीन का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बड़े इलाके पर कब्जा कायम है। चीन को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है, हम अन्य देशों से भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं