नई दिल्ली. गलवान घाटी पर चीन के दावे के बाद विदेश मंत्रालय ने भारत का रुख साफ करते हुए कहा है कि गलवान घाटी भारत का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय ने गलवान घाटी इलाके पर चीन के संप्रभुता के दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस इलाके के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि LAC को लेकर चीनी पक्ष की ओर से बढ़ा-चढ़ाकर और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार नहीं हैं। गलवान पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है। भारतीय सेनाएं गलवान घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी के संरेखण से पूरी तरह परिचित हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि LAC के बारे में चीन का नया दावा बिलकुल मंजूर नहीं है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने अपनी सीमा के अंदर निर्माण कार्य किया है और भारतीय सेना ने कभी भी LAC पार नहीं की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने भारत की पैट्रोलिंग रोकने की कोशिश की है। मई की शुरुआत से, चीनी पक्ष इस क्षेत्र में भारत की सामान्य गश्त प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है। चीनी पक्ष द्वारा अतिक्रमण की गतिविधियों का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है।
गौरतलब है कि सोमवार की शाम गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हताहतों की संख्या अभी तक नहीं बताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेनाएं गलवान घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी की स्थिति से पूरी तरह परिचित हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे है और कोई घटना नहीं हुई। श्रीवास्तव ने कहा कि मई के मध्य से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर के अन्य इलाकों में चीनी पक्ष ने एलएसी के उल्लंघन करने के प्रयास किये। उन्होंने कहा, "चीनी पक्ष के इन प्रयासों का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है।" श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीनी पक्ष दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल ही में सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए बनी सहमति का ईमानदारी से पालन करेगा।