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मेडिकल घोटाला: घूस लेने के लिए किया जाता था 'प्रसाद' और 'गमला' का इस्तेमाल

इस पूरे मामले की एसआईटी जांच की मांग करने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में आई जिसकी सुनवाई 9 नवंबर, 2017 को जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस जे चेलामेश्वर की पीठ ने की।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 16, 2018 10:45 IST
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मेडिकल घोटाला: घूस लेने के लिए किया जाता था 'प्रसाद' और 'गमला' का इस्तेमाल

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल कॉलेजों में दाखिले पर लगाई रोक के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। कुछ ऐसे दस्तावेज हाल ही में सामने आए हैं जिसमें ये पता चला है कि जज घूस लेने के लिए कोडवर्ड का इस्तमाल किया करते थे। सीबीआई ने इस घोटाले की जांच के दौरान कुछ बातचीत रिकॉर्ड की थी जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है। इस बातचीत में 'प्रसाद', 'मंदिर', 'बही', 'गमला' और 'सामान' जैसे कोड वर्ड्स का इस्तमाल किया गया है। बता दें कि इस मामले में ओडिशा के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दुसी आरोपी हैं जो इस वक्त जेल में बंद हैं। इस बातचीत में भी आईएम कुद्दुसी की ही आवाज बताई जा रही है।

इस पूरे मामले की एसआईटी जांच की मांग करने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में आई जिसकी सुनवाई 9 नवंबर, 2017 को जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस जे चेलामेश्वर की पीठ ने की। बेंच ने इसे गंभीर माना और इसे पांच वरिष्ठतम जजों की बेंच में रेफर कर दिया। इस बेंच में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को भी रखा गया और सुनवाई के लिए 13 नवंबर 2017 की तारीख तय की गई। इसी तरह के एक और मामले का जिक्र कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म (सीजेएआर) नाम की संस्था ने भी 8 नवंबर 2017 को जस्टिस चेलामेश्वर की अगुवाई वाली बेंच के सामने रखा था। उस मामले में पीठ ने 10 नवंबर को सुनवाई की तारीख तय की थी।

लेकिन, 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुए एक हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने जस्टिस चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा 9 नवंबर को दिए गए उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत को रिश्वत देने के आरोपों में एसआईटी जांच की मांग वाली दो याचिकाओं को संविधान पीठ को रेफर किया गया था। इस पूरी बहस के दौरान वकील प्रशांत भूषण और चीफ जस्टिस के बीच तीखी नोंकझोंक हुई थी, जिसमें कहा गया था कि किसी भी रिपोर्ट या एफआईआर में किसी जज का नाम नहीं है।

दरअसल सीबीआई ने जिस आधार पर ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जज कुद्दूसी और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, उसका आधार वह बातचीत थी, जिससे आभास मिलता है कि सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की अदालतों में रिश्वत देने की योजना बनाई जा रही है। आरोप है कि कुद्दूसी ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को कानूनी मदद मुहैया कराने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी मामले में मनमाफिक फैसला दिलाने का वादा किया था।

सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड की गई इस बातचीत में चायवाले की सरकार का भी जिक्र करते हुए बिचौलिया विश्वनाथ अग्रवाल द्वारा कहा गया है कि चायवाले की सरकार सब देख रही है। इससे ये पता चलता है कि घोटाले में शामिल लोग सरकार से डरे हुए थे। इसी बात पर अग्रवाल रिटायर्ड जज कुद्दुसी को आश्वस्त करते हैं कि उनके 'फादर' और 'कैप्टन' सबकुछ करने को तैयार हैं। वे अपना 100 प्रतिशत देंगे। इसके साथ ही ओडिशा के व्यापारी ने उन्हें 500 प्रतिशत गारंटी दी कि काम हो जाएगा।

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