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मौलाना साद दिखा रहा चतुराई, क्वारंटाइन के बहाने समर्थन हासिल करने की कोशिश

मौलाना साद क्वारंटाइन की अवधि का इस्तेमाल जमातियों के बीच खुद के लिए समर्थन पाने के लिए कर रहा है, क्योंकि कई राज्यों की पुलिस ने उसके अनुयायियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

Reported by: IANS
Published : April 05, 2020 20:38 IST
मौलाना साद
मौलाना साद

लखनऊ/नई दिल्ली: तबलीगी जमात का मुखिया मोहम्मद साद जो एक कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है, निस्संदेह, एक बुद्धिमान व्यक्ति है। जबकि तबलीगी जमात के बारे में आई खबरों से देश में वायरस को लेकर डर बढ़ गया है। 21 मार्च के बाद से यह वायरस फैलाने वाला बड़ा कारण बना हुआ है, तब मोहम्मद साद तुरंत छिप गया है और उसने खुद को क्वारंटाइन में रखने का दावा किया।

सूत्रों के अनुसार, साद क्वारंटाइन की अवधि का इस्तेमाल जमातियों के बीच खुद के लिए समर्थन पाने के लिए कर रहा है, क्योंकि कई राज्यों की पुलिस ने उसके अनुयायियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खुफिया सूत्र, जो कि इस मुद्दे पर पुलिस के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं, उनसे मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद साद शायद दिल्ली में या राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में एक अज्ञात समर्थक के घर में छिपा हुआ है। पुलिस ने उसके जाकिर नगर स्थित निवास की कड़ी निगरानी रख रही है।

एक अधिकारी के अनुसार, "वह अपने फोन का नियमित रूप से उपयोग नहीं कर रहा है और दूसरे फोन के जरिए अपने वकीलों के साथ बातचीत कर रहा है। उत्तर प्रदेश में शामली जिले के कांधला में उसका एक आलीशान फार्महाउस है, लेकिन वह वहां नहीं रह रहा है क्योंकि उसे मालूम है कि वहां से उसे गिरफ्तार करना आसान होगा। जबकि घनी आबादी वाले क्षेत्र से गिरफ्तारी करना मुश्किल होगा।"

सूत्र मानते हैं कि मोहम्मद साद पर नकेल कसने में पुलिस ने समय लिया, जिससे उसे छिपने का मौका मिल गया। एक पुलिस अधिकारी ने स्वीकार किया, "जमात मरकज के संचालन को नाकाम कर दिया गया था। लेकिन हमें दूसरों को वहां से जाने देने से पहले उसे पकड़ना चाहिए था।" साद ने एक ऑडियो संदेश में दावा किया है कि डॉक्टरों ने उसे अलग रहने के लिए कहा है। हालांकि अभी यह भी पता नहीं है कि जमात प्रमुख साद कोरोना पॉजिटिव है या नहीं।

26 प्रश्नों के साथ मोहम्मद साद को भेजे गए नोटिस को उसने यह कहकर वापस कर दिया है कि क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद वह प्रश्नों के उत्तर देगा। इस बीच, तबलीगी जमात के सूत्रों के अनुसार मोहम्मद साद के पक्ष में लोगों को जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ में तबलीगी जमात के एक सदस्य ने कहा, "हम अपने लोगों को सूचित कर रहे हैं कि इस्लाम की महान सेवा करने वाले हमारे नेता को गिरफ्तार करने की साजिश रची जा रही है। हम अपने भाइयों को लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने के लिए कह रहे हैं।"

जब उनसे पूछा गया कि वे एक दूसरे के साथ संवाद कैसे कर रहे हैं, तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया और कहा,"अल्लाह का हुकुम है, सबको मिल जाता है।" साद ने जमातियों के बीच अपने संदेश को किस तरह सफलतापूर्वक फैलाया है, इसका अंदाजा इसके एक सदस्य द्वारा शनिवार को अपलोड किए गए वीडियो से लग जाता है। जिसमें वह यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर मोहम्मद साद को कोई नुकसान पहुंचता है, तो वह खुद को मार देगा।

पुलिस अधिकारी यह भी स्वीकार करते हैं कि अगर साद को अब गिरफ्तार किया जाता है तो जमात द्वारा हिंसा फैलाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "जैसा कि यह लोग अपने व्यवहार में तेजी से आक्रामक हो रहे हैं। वे चिकित्सा कर्मचारियों और पुलिस के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। इस समय मोहम्मद साद को गिरफ्तार करना उचित नहीं होगा क्योंकि वर्तमान स्थिति में, हिंसा का मौका देना और भी खतरनाक है।"

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