Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. मौलाना मदनी बोले- तीन तलाक कानून इंसाफ करने की जगह मुस्लिम महिलाओं का भविष्य अंधकारमय बनाएगा

मौलाना मदनी बोले- तीन तलाक कानून इंसाफ करने की जगह मुस्लिम महिलाओं का भविष्य अंधकारमय बनाएगा

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तीन तलाक संबंधी विधेयक के संसद से पारित होने के बाद बुधवार को कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के साथ इंसाफ नहीं करेगा, बल्कि उनका भविष्य अंधकार में धकेल देगा।

Reported by: PTI
Published : July 31, 2019 23:16 IST
maulana mehmod madni
maulana mehmod madni

नई दिल्ली: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तीन तलाक संबंधी विधेयक के संसद से पारित होने के बाद बुधवार को कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के साथ इंसाफ नहीं करेगा, बल्कि उनका भविष्य अंधकार में धकेल देगा। जमीयत ने आरोप लगाया कि सरकार ने ‘हठधर्मी’ का रवैया अपना कर इंसाफ और जनमत की राय को रौंदा है। यह मुसलमानों पर समान नागरिक संहिता को थोपने की कोशिश है।

मुस्लिम वीमेंस फोरम ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे महिला विरोधी बताया तथा इल्ज़ाम लगाया कि यह मुस्लिम महिला को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि इस विधेयक के जरिए मुसलमानों पर किसी न किसी तरह से समान नागरिक संहिता थोपने का प्रयास किया जा रहा है और इसका उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं के साथ इंसाफ करने की जगह मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित करना है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘जिन लोगों के लिए यह विधेयक लाया गया है, उनके प्रतिनिधियों, धार्मिक चिंतकों, शरीयत कानून के विशेषज्ञों और मुस्लिम संगठनों से कोई सुझाव नहीं लिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक से मुस्लिम तलाकशुदा महिला के साथ इंसाफ नहीं होगा, बल्कि अन्याय की आशंका है। इसके जरिए पीड़ित महिला का भविष्य अंधकार में चला जाएगा और उसके लिए दोबारा निकाह और नई ज़िन्दगी शुरू करने का रास्ता बिल्कुल ख़त्म हो जाएगा।’’

मदनी ने कहा, ‘‘सरकार, हठधर्मी का रवैया अपनाते हुए इंसाफ और जनमत की राय को रौंदने पर आमादा नज़र आती है, जो किसी भी लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। ’’ वहीं, मुस्लिम वीमेंस फोरम की सैयदा हामिद ने कहा कि मुस्लिम पुरुष पहले से ही भीड़ की हिंसा का शिकार हैं और विधेयक उनकी मुसीबत को और बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुस्लिम महिलाओं की इच्छाओं को अनसुना कर दिया है और यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में विफल है। हामिद ने इस पर दुख जताया कि विपक्ष कुछ अपवादों को छोड़ अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है।

मदनी ने कहा, ‘‘जमीयत सभी मुसलमानों से अपील करती है कि वे विशेषकर तलाक ए बिद्दत (एक बार में तीन तलाक देना) से पूरी तरह बचें और शरीयत के हुक्म के मुताबिक निकाह-तलाक और अन्य पारिवारिक मामलों को तय करें।’’

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement