नई दिल्ली। उत्तराखंड में एक बड़ी तबाही देखने को मिली है, जिसने लोगों को 2013 की आपदा की याद दिला दी। यहां चमोली जिले में ग्लोशियर टूटने से नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया, जिसकी चपेट में क्षेत्र में बन रहे पावर प्रोजेक्ट और उसमें काम कर रहे कर्मचारी आ गए हैं। जानिए इस आपदा से जुड़ी हर अहम जानकारी।
- बचाव कार्य के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। मदद के लिए
- 1070 और 9557444486 पर संपर्क कर सकते हैं।
इसके साथ ही किसी प्रकार की सहायता के लिए
- 911352410197
- 911352412197
- 919456596190 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
- उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा और धौली गंगा नदी में जल स्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे शुरू हुई जलप्रलय ने रास्ते में आने वाले कई जगहों पर तबाही मचाई है।
- आपदा चमोली जिले के तपोवन श्रेत्र के रैनी गांव में बन रहे पावर प्रोजेक्ट के करीब आई है। ऋषि गंगा के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है।
- जल प्रवाह का असर नीचे न पहुंचे इसलिए श्रीनगर और ऋषिकेश के बांध को खाली करा दिया गया है। इस जल प्रलय को देखते हुए निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। 4 बजे श्रीनगर, 8 बजे ऋषिकेश और रात के 9 बजे तक हरिद्वार पहुंच सकता है आपदा का असर।
- जल प्रलय चमोली के आगे निकल चुकी है, इसका असर नीचे उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों तक पड़ने की आशंका है।
- उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है, जल प्रवाह के रास्ते में आने वाली जगहों को लेकर मुख्य मंत्री योगी ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
- चमोली में आपदा स्थल पर बचाव दल पहुंच चुके हैं, हादसे में कई मजदूरों के बहने की आशंका है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी घटना स्थल पहुंच रहे हैं।
- एनडीआरएफ की 5 टीमों को घटनास्थल भेजा गया है। बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर की सहायता भी ली जा रही है।