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ट्रेनों में मालिश क्या भारतीय संस्कृति के अनुरूप है? भाजपा सांसद ने रेलमंत्री से पूछा

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से चलने वाली 39 रेलगाड़ियों में सफर के दौरान यात्रियों को मालिश की सुविधा देकर अतिरिक्त राजस्व कमाने की रेलवे की नवाचारी योजना पर क्षेत्रीय भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने सवाल उठाये हैं

Written by: Bhasha
Published : June 13, 2019 18:28 IST
Massage services in Trains: BJP MP questions move
Massage services in Trains: BJP MP questions move 

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से चलने वाली 39 रेलगाड़ियों में सफर के दौरान यात्रियों को मालिश की सुविधा देकर अतिरिक्त राजस्व कमाने की रेलवे की नवाचारी योजना पर क्षेत्रीय भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने सवाल उठाये हैं। लालवानी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में "भारतीय संस्कृति के मानकों" का हवाला देते हुए रेलवे की प्रस्तावित मालिश सेवा को "स्तरहीन" बताया है। इसके साथ ही, उनसे अनुरोध किया है कि वह इस योजना को लेकर जनमानस की भावनाओं पर विचार कर उचित निर्णय करें। 

भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद का 10 जून को लिखा यह पत्र बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें उन्होंने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि चलती रेलगाड़ियों में अन्य यात्रियों, विशेषकर महिलाओं के समक्ष इस प्रकार की (मालिश) सुविधा उपलब्ध कराना क्या भारतीय संस्कृति के मानकों के अनुरूप प्रतीत होगा? रेल यात्रियों को मेडिकल सुविधा और डॉक्टरों की उपलब्धता जैसी आवश्यक सुविधाएं देने के स्थान पर इस तरह की स्तरहीन व्यवस्थाओं का मेरे मत में कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है।" 

इस पत्र के बारे में पूछे जाने पर लालवानी ने कहा, "स्थानीय महिला संगठनों और सामाजिक संगठनों के कुछ लोग मुझसे हाल ही मिले थे। उनसे मिले सुझावों के आधार पर ही मैंने रेल मंत्री को मालिश योजना के बारे में पत्र में लिखा है।" भाजपा के 57 वर्षीय नेता ने कहा, "लोगों का मानना है कि रेलवे को यात्रियों के लिये नयी चिकित्सा सुविधाएं शुरू करने को प्राथमिकता देनी चाहिये। उनका यह भी कहना है कि पर्यटन स्थलों के लिये चलायी जाने वाली ट्रेनों में मालिश सेवा शुरू की जा सकती है। लेकिन सामान्य यात्री रेलगाड़ियों में इस सेवा के प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाना चाहिये।" 

भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा देने का प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि, इसे शुरू करने की तारीख की फिलहाल घोषणा नहीं की गयी है। 

इस बीच, रतलाम के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आरएन सुनकर ने स्पष्ट किया कि चलती ट्रेनों में सुबह छह से रात 10 बजे के बीच प्रस्तावित सेवा के तहत यात्रियों के पूरे शरीर की नहीं, बल्कि सिर और पैर जैसे अंगों की मालिश की जायेगी। इस सेवा के बदले यात्रियों से 100 रुपये, 200 रुपये और 300 रुपये की तीन अलग-अलग श्रेणियों में शुल्क लिया जायेगा। उन्होंने कहा, "हम मालिश सेवा को शुरू करने से पहले तमाम पहलुओं का परीक्षण कर रहे हैं। हम पूरा ध्यान रखेंगे कि इस सेवा से किसी भी यात्री को कोई असुविधा या असहजता न हो।" 

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित मालिश सेवा के लिये एक निजी एजेंसी से करार किया गया है। इस सेवा से रेलवे के खजाने में सालाना 20 लाख रुपये जमा होने की उम्मीद है। चलती ट्रेन में यात्रियों को यह सेवा प्रदान करने वाले लोगों को रेलवे अनुमानित तौर पर करीब 20,000 यात्रा टिकट बेचेगा जिससे उसे हर साल लगभग 90 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। 

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