नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। बता दें कि भारत पिछले काफी समय से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए जुटा हुआ था। लेकिन, बार-बार चीन इस मामले में वीटो का इस्तेमाल करता आया था।
वैश्विक आतंकवादी की सूची में नाम आने से मसूद पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लग जाएगा। साथ ही उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी। किसी प्रतिबंधित व्यक्ति अथवा संगठन की संपत्ति जब्त करने की सूरत में सभी देशों को उसको मिलने वाले धन पर तथा अन्य आर्थिक सहायता अथवा आर्थिक संसांधनों पर अविलंब रोक लगानी होती है। इसी प्रकार से यात्रा प्रतिबंध के तहत सभी देश प्रतिबंधित व्यक्ति को अपने क्षेत्र में प्रवेश देने अथवा वहां से गुजरने देने पर रोक लगाते हैं।
जैश सरगना को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मुहर लग गई है इसलिए वह कहीं यात्रा नहीं कर सकेगा। संपत्ति जब्त हो जाएगी और हथियारों की पहुंच भी उस तक नहीं हो सकेगी। सुरक्षा परिषद से बैन लगने के बाद संयुक्त राष्ट्र के सभी देश अपने घरेलू मेकेनिज्म में भी संबंधित आतंकी पर प्रतिबंध लगाते हैं। इस प्रस्ताव के पारित होते ही दुनिया भर के देशों में अजहर की एंट्री प्रतिबंधित हो गई है। इसके अलावा उसको किसी तरह की आर्थिक गतिविधि की भी इजाजत नहीं होगी।
बैन का क्या होगा असर?
- मसूद अजहर पर बैन लगने के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के किसी भी सदस्य देश की यात्रा वह नहीं कर सकेगा।
- संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को उसके फंड्स को फ्रीज करना होगा। फाइनैंशल एसेट्स, इकॉनमिक रिसोर्सेज को पूरी तरह सीज करना होगा।
- अपने देश में मौजूद किसी भी संपत्ति को जब्त करना होगा और संबंधित व्यक्ति या उसकी संस्थाओं के आर्थिक संसाधनों को ब्लॉक करना होगा।
- संयुक्त राष्ट्र से जुड़े किसी भी देश के लोग आतंकी अजहर को किसी तरह की मदद नहीं पहुंचा सकेंगे।
- यूएन के सभी सदस्य देशों को अपने हथियारों, उसके निर्माण की तकनीक, स्पेयर पार्ट्स समेत आर्म्स से जुड़े किसी भी आइटम की सेल या फिर उस तक पहुंच को रोकना होगा।
बता दें कि भारत ने 2009 में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद 2016 में भारत ने इस संबंध में पी3 देशों यानी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र की 1267 सदस्यीय प्रतिबंध समिति के समक्ष मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद 2017 में भारत ने पी3 देशों के साथ इसी प्रकार का प्रस्ताव फिर से पेश किया था लेकिन सभी मौकों पर वीटो का अधिकार रखने वाले सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके इसमें अडंगा डाला था। आज संयुक्त राष्ट्र ने पुलवामा आतंकी हमलों के जिम्मेदार जैश चीफ को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है। JeM का प्रमुख मसूद अजहर मुंबई हमले का भी मुख्य आरोपी है।
दरअसल चीन पाकिस्तान का बेहद करीबी मुल्क है, और वह पहले भारत फिर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव पर तकनीकी रोड़े अटका चुका है। सब की निगाहें अब इस ओर लगी हैं कि इस प्रस्ताव पर चीन इस बार क्या रुख अपनाता है।