लखीमपुर (असम): भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी क्योंकि केंद्र में अब भाजपा सरकार है और वह पिछले कांग्रेस शासन के उलट सुरक्षा के किसी भी मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। शाह ने यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह नृशंस हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने किया और उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह कायराना हरकत पाकिस्तानी आतंकवादियों ने की है। उनका (जवानों का) बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा क्योंकि केंद्र अब कांग्रेस सरकार नहीं है। हम किसी भी सुरक्षा मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि सभी वैश्विक नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे अधिक इच्छाशक्ति है। शाह ने कहा, ‘‘पहले भी, (पाकिस्तान को) कूटनीतिक माध्यमों से, गोलियों से और सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया गया। भाजपा सरकार ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को सभी तरह का जवाब दिया।’’ गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को हुए एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। कांग्रेस और राजग के पूर्व सहयोगी दल असम गण परिषद की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि दोनों ही दलों ने 1985 में ‘‘असम संधि’’ पर हस्ताक्षर होने के बाद ज्यादातर समय सत्ता में रहने के बावजूद इस संधि को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे। यही वजह है कि हम एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) लेकर आए। हम एनआरसी की मदद से हर घुसपैठिये को वापस भेजेंगे। हम उसके लिए कटिबद्ध हैं। ’’ विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संदर्भ में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल पूर्वोत्तर की बात नहीं है, बल्कि पूरे देश में रह रहने वाले सभी शरणार्थियों की बात है। असम में जिस तरह जनसांख्यिकी बदल रही है, वैसे में नागरिकता विधेयक के बगैर राज्य के लोग बड़े खतरे में पड़ जाएंगे।’’
भाजपा नेता ने दावा किया कि केवल चंद लोगों ने ही इस विधेयक का विरोध किया और उन्होंने भी इस मुद्दे पर विरोध नहीं किया बल्कि उन्होंने बस इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने कहा, ‘‘अगप और अन्य सभी जो नागरिकता विधेयक का विरोध कर रहे हैं, हाल के तीन परिषद एवं पंचायत चुनाव में हार गये। असम के लोग शांति, विकास, नरेंद्र मोदी, सर्बानंद सोनोवाल और हिमंता बिस्वा सर्मा के साथ हैं। ’’ शाह ने असमी लोगों को सुरक्षा देने के लिए असम संधि के उपबंध छह को लागू करने के लिए केंद्र द्वारा उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन और राज्य के छह मूल समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए उठाये गये कदमों का भी उल्लेख किया। भाजपा अध्यक्ष ने पूर्वोत्तर के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरु की गयी विभिन्न योजनाओं का भी जिक्र किया और लोगों से लोकसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में एक बार फिर वोट करने की अपील की।